काव्य लेखन एवं लोक नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं से प्रतिभा में निखार: डॉ.पी.के.उपाध्याय
कानपुर, 24 नवम्बर (हि.स.)। काव्य लेखन एवं लोक नृत्य जैसे प्रतियोगिताओं के आयोजन से छात्र—छात्राओं के जीवन में प्रतिभा का निखार आता है। ऐसे महत्वपूर्ण विषयों की प्रतियोगिता से मानसिक एवं शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है। यह बात शुक्रवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर में आयोजित काव्य लेखन एवं लोक नृत्य प्रतियोगिता के मौके पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. पी.के.उपाध्याय ने कही।
उन्होंने बताया कि सीएसए में कुलपति के निर्देश पर छात्र छात्राओं के मध्य काव्य लेखन एवं लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 41 छात्रों एवं 17 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
काव्य लेखन के अंतर्गत छात्र छात्राओं द्वारा प्रकृति, अन्नदाता, कृषक समृद्धि, बागवानी, हरियाली, कृषि विकास में महिलाओं का योगदान एवं टिकाऊ खेती जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कविता लेखन किया गया। इसी प्रकार लोक नृत्य के अंतर्गत बिहू, भरतनाट्यम, भांगड़ा, संबलपुरी एवं घूमर आदि में छात्र छात्राओं ने प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में डॉक्टर सोमवीर सिंह, डॉक्टर वाई के सिंह, डॉ अर्चना सिंह, डॉक्टर कौशल कुमार, डॉ श्वेता यादव, डॉक्टर एस एन पांडे एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर पी के उपाध्याय उपस्थित रहे। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर पी के उपाध्याय ने बड़ी संख्या में छात्राओं की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन