हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए करें तरल पदार्थों का सेवन : अपर निदेशक
कानपुर, 02 जून (हि.स.)। सूरज की आग उगलती लपटें इस कदर परेशान कर रही हैं कि लोग घरों पर दुबकने को मजबूर हैं। इसके साथ ही वातावरण शुष्क होने से भीषण गर्मी लोगों पर कहर बरपा रही है। ऐसे में हीट इंडेक्स भी बढ़े हुए हैं और हीट स्ट्रोक का खतरा बराबर बढ़ता ही जा रहा है। इस भीषण गर्मी से बचाव के लिए लोगों को तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए। इसके अलावा कोशिश करें कि दिन में 10 बजे से लेकर तीन बजे तक घरों से बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर निकलें भी तो पर्याप्त पानी पीकर निकलें और शरीर ढका होना चाहिये। यह बातें रविवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कानपुर मंडल की अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल ने कही।
उन्होंने बताया कि गर्मी के इस मौसम में हीट स्ट्रोक, डायरिया, उल्टी, पीलिया, टाइफाइड, वायरल फीवर, आंखों का लाल होना, त्वचा में जलन जैसी समस्याएं होती हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव शरीर पर पड़ता है, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में बचाव बेहद जरुरी है और तेज धूप और गर्म हवा से बचें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, चश्मा लगाएं और सफर के दौरान अपने साथ पानी व ग्लूकोस जरूर रखें, साथ ही थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। इस दौरान शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें।लस्सी, नमक, चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पना आदि का सेवन करें। दिन में घर को ठंडा रखें और रात में खिड़कियां खुली रखें। तबीयत ठीक न लगने या चक्कर आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और इलाज कराएं।
स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त रखने के दिये गये निर्देश
अपर निदेशक ने बताया कि मंडल के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, डायरिया व अन्य बीमारियों से ग्रस्त आने वाले मरीजों का डाटा एकत्र किया जा रहा है, साथ ही उनको कितने देर में आराम मिल रहा है, यह व्यवस्था भी मुख्यालय स्तर से परखी जा रही है। इसके अलावा मंडल में सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, 66 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 314 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 1495 सब सेंटर पर ओआरएस सेंटर बनाए गए हैं। सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम