बीएचयू वनस्पति विज्ञान के डॉ. प्रशांत सिंह फसल सुधार में हेरिटेबल प्राइमिंग पर करेंगे शोध

 


एसईआरबी सीआरजी ने दिया अनुदान

वाराणसी,20 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ. प्रशांत सिंह को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) से प्रतिष्ठित अनुदान मिला है। लगभग 42 लाख का प्रतिस्पर्धी अनुसंधान अनुदान (सीआरजी), फसल सुधार के लिए वंशानुगत प्राइमिंग पर डॉ. सिंह शोध करेंगे। डॉ प्रशांत ने बताया कि एसईआरबी सीआरजी का अनुदान वंशानुगत प्राइमिंग और फसल की पैदावार और लचीलेपन को बढ़ाने में इसके संभावित अनुप्रयोगों की हमारी समझ को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। उन्होंने बताया कि उनका शोध वंशानुगत प्राइमिंग के पीछे के तंत्र की खोज पर केंद्रित है, एक ऐसी घटना जहां एक पौधे के तनाव के संपर्क में आने से उसकी संतानों में तनाव सहनशीलता बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया के आणविक और आनुवंशिक आधार को उजागर करके फसल सुधार के लिए नई रणनीतियाँ विकसित करना है जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान कर सकें। यह फंडिंग एक व्यापक अनुसंधान कार्यक्रम का समर्थन करेगी । जिसमें प्रयोगशाला प्रयोग, क्षेत्र परीक्षण और उन्नत आनुवंशिक विश्लेषण शामिल हैं। इस शोध के नतीजों से सूखा, कीट और बीमारियों जैसे पर्यावरणीय तनावों के प्रति बेहतर प्रतिरोध के साथ फसल की किस्मों को विकसित करने में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करने की उम्मीद है। डॉ. प्रशांत सिंह ने कहा कि एसईआरबी सीआरजी अनुदान प्राप्त करने से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो हमें हेरिटेबल प्राइमिंग की आकर्षक दुनिया में गहराई से जाने में सक्षम बनाएगा। इस शोध में फसल सुधार रणनीतियों में क्रांति लाने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि

बीएचयू में वनस्पति विज्ञान विभाग के पास पादप विज्ञान में अत्याधुनिक अनुसंधान में योगदान देने की एक समृद्ध परंपरा है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/प्रभात