तंदुरुस्ती और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं को करें विकसित : डॉ.निमिषा अवस्थी

 


कानपुर, 26 सितम्बर (हि.स.)। पोषण अभियान स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक कन्वर्जेंट इको-सिस्टम बनाकर पोषण सामग्री और डिलीवरी में रणनीतिक बदलाव के जरिए कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करता है। यह बात गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम में गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने दी।

उन्होंने कहा कि कुपोषण आपके शरीर को कार्य करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और उसे मिलने वाले पोषक तत्वों के बीच असंतुलन है। इसका मतलब अल्पपोषण या अतिपोषण हो सकता है। कैलोरी की समग्र कमी के कारण कुपोषित हो सकते हैं, या प्रोटीन, विटामिन या खनिज की कमी हो सकती है। डॉ राजेश राय ने कहा की कुपोषण से निपटने में सब्जियां मददगार हैं इसलिए सभी को भरपूर सब्जियां खाना चाहिए।

इस मौके पर वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मिथिलेश वर्मा ने बताया कि इसे किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष तक के बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करके कुपोषण को दूर करने के लिये मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था। इसका लक्ष्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) तथा 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्ष्य बनाकर स्टंटिंग और कम वजन की समस्या को कम करना। छोटे बच्चों (6-59 महीने) तथा 15-49 वर्ष की महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया की व्यापकता को कम करना।

इस मौके पर सभी महिला प्रतिभागियों को डॉ अरुण सिंह ने पॉली हाउस में विकसित सब्जी की पौध भी वितरित की गयी। कार्यक्रम में फंदा गांव की नीतू, सोनी, रजनी इत्यादि 47 महिलाओं ने प्रतिभाग किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल