उप सेना प्रमुख ने आईआईटी कानपुर की रक्षा तकनीकों की ली जानकारी
- सहयोगात्मक अवसर तलाशने के लिए सैन्य अधिकारियों ने आईआईटी कानपुर का किया दौरा
कानपुर, 02 मई (हि.स.)। रक्षा तकनीकों की जानकारी के लिए उप सेना प्रमुख की अगुवाई में सैन्य अधिकारियों ने कानपुर आईआईटी का दौरा किया। इस यात्रा ने सेना के अधिकारियों और आईआईटी कानपुर के रक्षा-संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी सदस्यों के बीच गहन चर्चा की सुविधा प्रदान की।
इसके साथ ही भारतीय सेना के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने के लिए संभावित सहयोग की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया। संस्थान के प्रोफेसरों ने संस्थान में चल रही रक्षा परियोजनाओं का अवलोकन प्रदान करके आईआईटी कानपुर की अनुसंधान क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
महत्वपूर्ण विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी बनाने के उद्देश्य से लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम, उप सेना प्रमुख (वीसीओएएस), एडीजी मेजर जनरल सी.एस. मान और अन्य उच्च पदस्थ सेना अधिकारियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर का दौरा किया।
अतिथियों का स्वागत आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिन्द्र अग्रवाल और प्रोफेसर कांतेश बलानी, फैकल्टी-इंचार्ज आर्मी सेल आईआईटी कानपुर ने किया। फैकल्टी सदस्यों ने सेना के अधिकारियों को विभिन्न नवीन तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसमें एक सबस्टेशन निरीक्षण रोबोट, सटीक मार्गदर्शन किट के लिए एक जनरेटर, उच्च ऊंचाई वाले लॉजिस्टिक्स और ईवीटीओएल समाधान, क्वाड्रूपेड और रोटरी रोबोट और कामिकेज़ ड्रोन शामिल हैं। आईआईटी कानपुर में स्थापित तीन स्टार्टअप ने भी उत्कृष्ट नवाचार प्रस्तुत किए, जिसमें उद्यमिता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के केंद्र के रूप में संस्थान की भूमिका पर जोर दिया गया।
भारतीय सेना की टीम ने आईआईटी कानपुर में सी3आई हब और फ्लेक्सई सेंटर का भी दौरा किया। इस यात्रा ने उन्नत अनुसंधान और विकास के माध्यम से देश की रक्षा और सुरक्षा प्रयासों में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले एक प्रमुख संस्थान के रूप में आईआईटी कानपुर की स्थिति को मजबूत से प्रदर्शित किया।
वहीं आईआईटी कानपुर में डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया सीओई के निदेशक संजय टंडन ने रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में केंद्रित अनुसंधान और सहयोग के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए सीओई के जनादेश के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उद्योग-अकादमिक साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश