साइबर सुरक्षा केवल किसी एक इकाई की जिम्मेदारी नहीं : प्रो. बीएन सिंह
- हिंदू काॅलेज मुरादाबाद में ‘साइबर सिक्योरिटी एंड इंडियन सोसाइटी : कांसेप्ट फंक्शन और बेटरमेंट’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
मुरादाबाद, 11 फरवरी (हि.स.)। हिंदू काॅलेज मुरादाबाद के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार विषय -‘साइबर सिक्योरिटी एंड इंडियन सोसाइटी: कांसेप्ट फंक्शन और बेटरमेंट’ का आज समापन हुआ।
द्वितीय दिवस की शुरुआत तकनीकी सत्रों के माध्यम से हुई तृतीय तकनीकी सत्र में अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर पूजन प्रसाद और शिक्षा संकाय की प्रभारी डाॅ. रेनू यादव तथा चतुर्थ तकनीकी सत्र में अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर प्रियंशा सिंह एवं अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने विभिन्न सत्रों में प्राप्त हुए शोध पत्रों का विश्लेषण किया तथा शोधार्थियों को सुझाव भी दिए।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए उत्तर प्रदेश राज ऋषि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के पूर्व निदेशक प्रो. बीएन सिंह ने कहा कि साइबर सुरक्षा केवल किसी एक इकाई की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के सभी क्षेत्रों से ठोस प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने साइबर अपराध के अंतर्गत सबसे तेजी से फैल रहे हनी ट्रैप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस जाल में अधिकांश 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति शिकार हो रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपाधि महाविद्यालय पीलीभीत के प्राचार्य प्रोफेसर दुष्यंत कुमार ने बताया कि भारत की साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए ठोस कार्यवाही की आवश्यकता है, इसमें प्रौद्योगिकी क्षमता निर्माण नियामक ढांचे और सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम शामिल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदू कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सत्यव्रत सिंह रावत ने बताया कि हमें अपने डिजिटल भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग, नवाचार और क्षमता निर्माण प्रयासों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डा. एसबी यादव ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के विभिन्न क्षेत्रों से हुई व्यावहारिक चर्चाओं और मुख्य निष्कर्ष का सारांश प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की पूरी अवधि के दौरान सम्मानित विशेषज्ञों और विद्वानों ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न आयाम और भारतीय समाज पर इसके गहरे प्रभाव पर चर्चा की है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी को संपन्न कराने में तकनीकी समिति के डाॅ. जावेद अंसारी, डाॅ. दिलीप कुमार, डाॅ. महेंद्र कुमार, डाॅ. अरुण कुमार वर्मा पंजीकरण समिति के डाॅ. अमित वैश्य, डाॅ. विवेक कुमार, डाॅ. मनीष जोशी, डाॅ. वीर बहादुर, डाॅ. राजेश कुमार, डाॅ. बृजेश कुमार तिवारी, डाॅ. हरिकेश कुमार, अकोमोडेशन कमेटी के डाॅ. जितेंद्र कुमार सिंह, डाॅ. आलोक यादव, डाॅ. चरण सिंह पब्लिकेशन कमेटी के डाॅ. कुलदीप वर्मा, डाॅ. चंद्रजीत कुमार यादव, डाॅ. विवेक कृष्ण, राजेश कुमार, डाॅ. हरिओम सिंह एवं सर्वेश चतुर्वेदी का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। गोष्ठी के दौरान प्रोफेसर अनिल कुमार, प्रो. प्रियंका सिंह, प्रो.यशवीर सिंह, प्रो.रमाकांत ठाकुर, प्रो. शालिनी राय, प्रो. एन यू खान, प्रो. संजय कुमार शर्मा, डाॅ. सुनील कुमार और डाॅ. पंकज सिंह उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/सियाराम