सीएसजेएमयू के कुलपति को मिला छह माह का सेवा विस्तार
- पिछले तीन सालों में हुआ सकारात्मक परिवर्तन, नैक ए प्लस ग्रेड के साथ यूजीसी में भी मिली कैटेगरी फर्स्ट
कानपुर, 11 अप्रैल (हि.स.)। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमय) कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक को छह माह का सेवा विस्तार दिया है। कुलपति का कार्यकाल 11 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा था। सेवा विस्तार मिलने पर कुलपति ने राज्यपाल का आभार जताते हुए कहा कि सीएसजेएमयू में कार्य करने का अनुभव बेहद खास है। देश-दुनिया के नामधारी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नैक ए प्लस प्लस ग्रेडिंग ने विश्वविद्यालय को देश-दुनिया में अलग पहचान दिलाई। आज विश्वविद्यालय देश के टॉप संस्थानों में शामिल है। हमारे यहां पिछले तीन सालों में तीन गुना अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया है। हमने शोध के लिए एक बेहतर माहौल तैयार किया है। ग्लोबल डेटाबेस में हमारे रिसर्चस अपने रिसर्च के साथ पहचान बना रहे हैं। शोधगंगा में हम देश भर में टॉप-पांच में हैं। डिजीलॉकर में पूरे देश में नंबर वन हैं। इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन की बात हो या नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की एक बड़ा बदलाव विश्वविद्यालय में देखा जा सकता है।
यूजीसी कैटेगरी–1 का मिला सम्मान
विश्वविद्यालय ने हाल ही में यूजीसी कैटेगरी- 1 श्रेणी विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल किया है। एडुवर्ल्ड रैंकिंग के साथ दुनिया भर में विश्वविद्यालय का नाम है। नैशनल एवं इंटरनैशनल एमओयू के साथ अकादमिक डिवलेपमेंट। अब क्यूएस एवं एनआईआरएफ के साथ- साथ विश्वविद्यालय को ग्लोबल कैंपस के तौर पर आगे बढ़ना है।
विश्वविद्यालय में यह हुए बदलाव
बताया कि सभी भवनों का जीर्णोद्घार किया गया है। नई-नई लैब विकसित की गयी हैं। रिसर्च में सुपरवाइजर्स की संख्या बढ़ी हैं। कैंपस के शिक्षकों को भी अब रिसर्च कराने की आजादी है। सेल्फ फाइनेंस के शिक्षकों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी, नए शिक्षकों एवं नॉन टीचिंग की भर्ती से लेकर ग्रीन कैंपस, क्लीन कैंपस के साथ विश्वविद्यालय में हर कदम पर बदलाव है। हमनें 130 से अधिक पोर्टल के माध्यम से गुड गवर्नेंस का सिस्टम डिवेलप किया। ई-ऑफिस के साथ पेपरलेस कल्चर की शुरुआत की। एनईपी सबसे पहले प्रदेश् में लागू की। भारतीय ज्ञान परंपरा को हर विषय के साथ जोड़ा है। ज्योतिष, कर्मकांड के परंपरागत पाठ्यक्रमों के साथ-साथ नवीनतम तकनीक को भी विश्वविद्यालय ने अपनाया है। ई-लाइब्रेरी, बायोमैट्रिक, ऑनलाइन लेक्चर का डेटाबेस, डिस्टेंस एवं ऑनलाइन टीचिंग की शुरुआत, टीवी स्टूडियो के साथ-साथ विश्वविद्यालय में बड़ा बदलाव आया है।
स्टूडेंट्स केंद्रित व्यवस्थाओं की परंपरा की शुरुआत
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध करायी गई। सिलेबस, कोर्स, लाइब्रेरी, हाई स्पीड इंटरनेट, इन्फ्राक्सट्रक्चर, रिसर्च के ग्लोबल डेटाबेस में एंट्री के साथ-साथ स्टूडेंट के लिए अकादमिक एवं उनके होलिस्टिक डिवलेपमेंट के लिए सभी प्रयास किय जा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित