वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ता रहा भक्तों का सैलाब

 


मथुरा, 26 नवम्बर(हि.स.)। कार्तिक माह के अंतिम दिन रविवार को मथुरा और वृन्दावन के प्रमुख मदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब ऐसा उमड़ा की देर सायं तक मेला जैसा माहौल बना रहा। रविवार को ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन के लिए शाम तक भीड़ उमड़ती रही।

रविवार पूरे दिन बांकेबिहारी मंदिर में ऐसे हालात बिगड़े कि मंदिर के अंदर और बाहर पैर रखने की भी जगह नहीं बची। श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की करनी पड़ी और रेलिंग फांदकर मंदिर तक पहुंचना पड़ा। व्यवस्था बनाने में पुलिसकर्मियों के पसीना छूट गये। पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुबह से ही मंदिर के प्रवेश मार्गों पर बैरिकेडिंग कराकर लाइन लगवाई, लेकिन जनसैलाब के आगे सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आई। श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन के लिए कई घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा।

विद्यापीठ से लेकर मंदिर के चबूतरे तक बाजार में भीड़ का दबाव सुबह से बनने लगा। दोपहर को मंदिर के पट बंद होने व शाम को मंदिर खुलने से रात मंदिर बंद होने तक भीड़ रही। मंदिर के पट खुले तो अंदर प्रवेश करने को लेकर श्रद्धालुओं में जिद्दोजहद होती रही। इससे आपाधापी मच गई। विद्यापीठ चौराहे से लेकर इस्कॉन मार्ग पर पेगला आश्रम तक श्रद्धालुओं की लाइन देखकर लोग प्रशासन की व्यवस्था को भी कोसते दिखे। यहां लगभग तीन किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक लाइन लग गई। कई ऐसे श्रद्धालु भी थे जो बिना दर्शन के ही लौट गए।

वृंदावन मथुरा मार्ग पर सैकड़ों लोग पैदल ही रास्ता तय करने के लिए मजबूर दिखे। मार्ग पर यातायात साधनों की उचित व्यवस्था न होने के कारण उन्हें परेशानी हुई। भीड़ में फंसकर महिलाओं की भी तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ पांच फीट रेलिंग फांदकर प्रवेश द्वार तक पहुंचीं। ऐसे में स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला और रेलिंग पर श्रद्धालुओं का चढ़ना बंद किया। दोपहर एक बजे मंदिर के पट बंद हुए, तो भीड़ अधिक होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु अंदर प्रवेश नहीं कर सके। शाम को साढ़े चार बजे फ्रि मंदिर के पट खुले, तो स्थिति वैसी ही हो गई और यह स्थिति शाम तक जारी रही।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश