पुस्तक मेला : किताबों की दुनिया में महापुरुषों को खोजते पाठक

 


--कोई ‘इलाहाबाद जंक्शन’ तो कोई ‘मानव जाति का इतिहास’ तलाशता दिखा

प्रयागराज, 24 दिसम्बर (हि.स.)। शहर के कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट रॉयल गार्डन में “विजन 2047 : विकसित भारत-विकसित प्रदेश” की थीम पर आधारित ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेले के सातवें दिन बुधवार को कड़ाके की ठंड के बावजूद पुस्तक प्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की गई।

मेले के आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि प्रयागराज पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग और रुचि के पाठकों के लिए पुस्तकों की व्यापक श्रृंखला उपलब्ध है। यहां काल्पनिक और गैर-काल्पनिक उपन्यास, बच्चों की कहानियां और कॉमिक्स, शैक्षिक पुस्तकें (पाठ्यपुस्तकें और गाइड), आत्मकथाएं, विज्ञान व इतिहास की किताबें, धार्मिक ग्रंथ, कला और फोटोग्राफी से जुड़ी पुस्तकें रखी गई हैं, जो विद्यार्थियों और सामान्य पाठकों दोनों की जरूरतों को पूरा करती हैं।

सह आयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि ठंड के बीच भी पुस्तक प्रेमी ज्ञान के इस कुंभ में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। जैसे-जैसे मेला आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पाठकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। मेले में लगे बुकवाला प्रकाशन के स्टॉल प्रतिनिधि शुभम ने बताया कि उनके यहां उपन्यास, बच्चों की कहानियाँ और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से जुड़ी विभिन्न पुस्तकें उपलब्ध हैं। अमर चित्र कथा पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं और नक्सलवाद से सम्बंधित पुस्तकों पर भी विशेष छूट मिल रही है। उन्होंने बताया कि केरल के कुछ अनसुने पहलुओं विशेषकर लव जिहाद और धर्मांतरण पर आधारित पुस्तक अनटोल्ड केरल स्टोरी चर्चा में बनी हुई है। इसके अलावा दीपक बजाज की बनिए नेटवर्क मार्केटिंग मिलियनेयर, स्लोक रंजन और एलीशा फिलिप्स की इलाहाबाद जंक्शन, अनूप कुमार गुप्ता की कम्प्टीटिव्यू एग्ज़ाम का चक्रव्यूह कैसे तोड़े को प्रतियोगी परीक्षार्थी पसंद कर रहे हैं। जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 का हिंदी अनुवाद (आचार्य विमल दीक्षित) तथा आचार्य प्रशांत की नीम लड्डू, विद्रोही मन और आह! जवानी भी पाठकों को आकर्षित कर रही हैं।

इसी प्रकार प्रकाशन संस्थान, दिल्ली के स्टॉल पर महापुरुषों और विचारकों से जुड़ा साहित्य विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां राजकिशोर का खलील जिब्रान विचारकोष, अंबेडकर विचारकोष, कामता प्रसाद गुरु की हिंदी व्याकरण, आचार्य परमानंद प्रभाकर की मानक संस्कृत व्याकरण, हिम्मतभाई मेहता की चक्रवर्ती सन्यासी सरदार पटेल, महात्मा गांधी की सत्य के प्रयोग (आत्मकथा), डॉ. राघव शरण शर्मा और डॉ. आदित्य की जंगे आज़ादी में मुस्लिम समाज पाठकों की पहली पसंद बनी हुई हैं। इसके साथ ही जवाहरलाल नेहरू की हिंदुस्तान की कहानी (डिस्कवरी ऑफ इंडिया का हिंदी अनुवाद) और हेंड्रिक विलेम वैन लून की मानव जाति का इतिहास के लिए भी पुस्तक प्रेमी मेले में पहुंच रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र