पावर कारपोरेशन के निदेशकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध

 


लखनऊ, 17 नवम्बर (हि.स.)। पावर कारपोरेशन के निदेशकों की सेवानिवृत्त होने की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया है। नियमावली का हवाला देते हुए उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि बिजली चोरी करने के राजस्व निर्धारण को 65 प्रतिशत तक कम करने वाले निदेशक मंडल के सेवानिवृत्त होने की उम्र 60 करनी चाहिए।

इस संबंध में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियां कई तरह की गड़बड़ियां कर रही हैं। अभी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने एक अधीक्षण अभियंता को सेवानिवृत्त होने के बाद अपना सलाहकार बना लिया। ये अधिक्षण अभियंता ही छह एमबीए के ट्रांसफार्मर को निरीक्षण में 10 एमबीए का बताये थे। उन पर लाखों का जुर्माना भी लगाया गया था। ऐसे भ्रष्ट अफसरों को यदि सेवानिवृत्ति के बाद भी विभाग उनकी सेवा लेता है अर्थात विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इन सब मुद्दों पर विस्तृत जांच कराने की जरूरत है।

वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल की उम्र सरकार को 60 वर्ष से ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर निदेशक मनमाने तरीके से काम करते हैं। उन्हें पता है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करके घर जाएंगे। उनको पेंशन पहले से ही मिल रही है। यदि पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल इतना काबिल हैं तो बिना राजस्व निर्धारण माफ किये बिना ओटीएस के राजस्व में बढोतरी करके दिखाएं, तब तो उनकी काबिलियत का अंदाजा लगेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दिलीप