ओटीएस के बहाने बड़े बिजली चोरों को छूट, सीबीआई जांच की उठी मांग

 


लखनऊ, 14 नवम्बर (हि.स.)। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के माध्यम से बिजली चोरी का छूट दिये जाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। इस आरोप का कारण है, बिजली चोरी एक किलो वाट की हो, 1000 किलोवाट की हो या उससे ज्यादा, सभी कैटेगरी के विद्युत उपभोक्ताओं को एक मुस्त समाधान योजना की आड़ में बिजली चोरी में 65 प्रतिशत तक छूट दिया जा रहा है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मिलकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 का खुला उल्लंघन हो रहा है। आयोग तत्काल कार्रवाई करे। इसका खामियाजा प्रदेश के आदर्श विद्युत उपभोक्ता भुगतेंगे।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने संडीला में लगभग तीन करोड 87 लाख की बिजली चोरी और नोएडा में एक करोड की बिजली चोरी का आंकडा जारी करते हुए सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन बताए कि क्या इन्हें बिजली चोरी में छूट दिया जाना सही है ? गरीबों की आड में अमीरों को छूट दिया जाना गलत है।

पांच किलो वाट के ऊपर पूरे प्रदेश में लगभग 53011 विद्युत चोरी के मामले, जिन पर 1250 करोड का राजस्व निर्धारण है। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरों को छूट दिए जाने का मामला काफी उलझता जा रहा है। पावर कॉरपोरेशन की तरफ से एक मुस्त समाधान योजना के लिए जारी आदेश में बिजली चोरी को 65 प्रतिशत तक छूट दिए जाने के आदेश में एक नया मोड आ गया है। जब आज उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से इस मामले पर बात की तो पावर कॉरपोरेशन व मध्यांचल प्रबंधन ने कहा कि बिजली चोरी में छूट सभी कैटेगरी के उपभोक्ताओं के लिए है। चाहे एक किलो वाट का उपभोक्ता हो या 10000 किलो वाट का उपभोक्ता हो या उससे भी अधिक उसके लिए भी है। बिजली चोरी में छूट का आदेश जारी किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दिलीप