शिक्षित जनों से सभ्य समाज का निर्माण : प्रो. आनंद शंकर सिंह
-महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव व प्राचार्य का जन्मदिन धूमधाम से मनाया
प्रयागराज, 29 फरवरी (हि.स.)। कहा जाता है कि 29 फरवरी को जन्मा व्यक्ति बहुत सौभाग्यशाली होता है, क्योंकि यह दिन चार वर्ष में एक बार आता है। ऐसे ही भाग्यशाली हैं ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह। जिनका जन्मदिन महाविद्यालय में वृहस्पतिवार को भव्य वार्षिकोत्सव ‘तरुणोत्सव’ के साथ मनाया गया। प्राचार्य ने कहा कि शिक्षित जन सभ्य समाज का निर्माण करते हैं और अपने देश व समाज को आगे ले जाते हैं।
प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने कार्यक्रम की समाप्ति पर अपने आशीर्वाद के रूप में कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के साथ-साथ मानव बने रहने तथा आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमन्द की सदैव सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे बगिया के फूल होते हैं जिनकी खुशबू से समाज सुगंधित होता है। हमारा कर्तव्य है कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि वे समाज व देश के लिए कुछ करें। यही कार्य सभी को करना चाहिए, ऐसी हमारी सोच हो। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से तथा शिक्षकों ने भी प्राचार्य को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा गणेश के आह्वान के लिए समूह नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी। तत्पश्चात लोकगीतो में घुली माटी की खुशबू ने सभी का मन मोह लिया। भारत विविधताओे में एकता का देश है, यह रंग इस बार महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में बखूबी झलका। विभिन्न प्रदेशों में होने वाले क्षेत्रीय गीतों पर नृत्य प्रस्तुतियों ने समां बांधा तो महाविद्यालय में उपस्थित दर्शकों ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रादेशिक नृत्य प्रस्तुतियों में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा आदि का नृत्य शामिल रहा। उत्तर प्रदेश के ‘यूपी वाला ठुमका’ गीत पर तो सभी झूम उठे। वहीं देशभक्ति व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ थीम पर कविता तथा उत्तर भारत में प्रसिद्ध बिहार का लोक पर्व ‘छठ पूजा’ की तर्ज पर भी अभिनव प्रस्तुति हुई।
इसके साथ ही वार्षिकोत्सव में ‘प्रदूषण की समस्या व उससे बचाव’ विषय पर नाटक की प्रस्तुति, जिसमें पाॅलिथीन से होने वाली हानियों के प्रति ध्यान आकर्षित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर सांस्कृतिक समिति की संयोजिका डॉ. गायत्री सिंह ने समिति के सभी सदस्यों तथा अन्य सहयोगी जनों के प्रति आभार प्रकट किया। संचालन विद्यार्थी राज नन्दिनी, प्रभात एवं शादाब ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम