बाल विवाह मुक्त झांसी बनाने के लिए सामूहिक रूप से लिया संकल्प

 




झांसी,05 मार्च (हि.स.)। महिला दिवस की पूर्व संध्या पर बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान ने जिला स्तर पर बाल विवाह मुक्त झांसी संकल्प समारोह का आयोजन राजकीय संग्राहालय सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उप निदेशक महिला कल्याण विभाग झांसी मण्डल झांसी श्रवण कुमार रहे। विशिष्ठ अतिथि जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार पटेल, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता अमित त्रिपाठी, प्रोफेसर डा0 मुहम्मद नईम ने सहभागिता की। संकल्प समारोह कार्यक्रम का संचालन बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान के जिला समन्वयक अमरदीप वमोनिया ने किया।

बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान के निदेशक वासुदेव ने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहयोग से बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान झाँसी बच्चों के खिलाफ हिंसा, दुर्व्यवहार, बाल विवाह मुक्त झांसी बनाने एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए झांसी के बबीना एवं बड़ागांव ब्लॉक के 150 गांव में कार्य कर रहा है।

मुख्य अतिथि उप निदेशक महिला कल्याण विवाह श्रवण कुमार ने कहा कि कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ-साथ हमारे समाज से बाल विवाह को खत्म करने के लिए जन जागरूकता और संवेदनशीलता भी आवश्यक है। ग्राम स्तर पर बाल विवाह, बालश्रम, बाल यौन शोषण के मुददे पर बाल संरक्षण समितियों को अपनी अहम भूमिका निभानी होगी, उनको इन मुददों पर सक्रिय होकर कार्य करने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि अगर समुदाय स्तर पर बाल संरक्षण समिति सक्रिय होने का कार्य कर लिया तो निश्चित रूप से झांसी को एक वर्ष में ही बाल विवाह मुक्त झांसी बना सकते हैं।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि ने बाल विवाह से पड़ने वाले दुष्यप्रभावों विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से खत्म करने में सबको आगे आकर कार्य करना होगा, तभी यह अभियान सफल होगा। हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त झांसी बनाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान बाल विवाह मुक्त झांसी बनाने के लिए व्यापक रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने अपनी बात में कहा कि बच्चों के संरक्षण के लिए हम 24 घन्टे तत्पर्य है। संस्थान के साथ समन्वय बनाकर बाल विवाह मुक्त झांसी अभियान को सफलता की ओर ले जाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र पटेल ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में बच्चों के साथ बाल यौन शोषण बाल विवाह एवं बालश्रम के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। बच्चों के हितों की रक्षा करना हम सभी का परम कर्तव्य है। बच्चों के हक-अधिकारों की सुनिश्चिता एवं बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने के लिए समुदाय स्तर पर बाल संरक्षण समिति के सदस्यों को अपने कार्य दायित्वों का निर्वाहन करना, उनको सुरक्षा प्रदान करनी होगी। असहाय, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शासकीय योजनायें एवं बाल सेवा योजना सामान्य से जोड़ना होगा। बच्चों को मन की बात जानने के लिए एक स्वच्छ वातावरण के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर बाल सभा का आयोजन करना होगा, जिससे बच्चों की समस्या निकल कर आये और उसके समाधान हेतु आप को अपने कार्य-दायित्वों का निर्वाहन करना होगा।

विशिष्ठ अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता अमित त्रिपाठी ने कहा कि नागरिक समाज और सरकार, दोनों ही बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे समर्पण से काम कर रहे हैं। लेकिन हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद अब भी बड़ी तादाद में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। इस अपराध से मुकाबले के लिए जब तक हमारे पास एक समन्वित योजना नहीं होगी, तब तक बाल विवाह के खिलाफ टिपिंग प्वाइंट के बिंदु तक पहुंचना एक मुश्किल काम होगा।

जिला संयोजक अमरदीप वमोनिया ने कहा कि इन 11 माह में व्यापक जागरूकता के माध्यम से समुदाय के लोग बाल विवाह के खिलाफ जागरूक हो रहे हैं और परिणामस्वरूप 4 बालिकाओं के बाल विवाह रोकने में सफलता प्राप्त हुई। वह ऐसे बालिकाओं के विवाह सम्पन्न किये जा रहे थे, जिनकी उम्र 14, 15, 17 वर्ष थी। हालांकि बाल विवाह रोकने में जिला प्रशासन पुलिस का अहम सहयोग रहा। हमारे समुदाय के बीच कार्य कर रहे सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा भी अपनी अहम भूमिका निभाई गयी और ऐसे 150 से अधिक परिजनों को बातचीत और जागरूकता के माध्यम से करने जा रहे बाल विवाह पर लगाम लगाई गयी। इस तरह से दो लाख लोगों से अधिक बाल विवाह रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गयी।

प्रोफेसर डा0 मुहम्मद नईम ने कहा कि बाल विवाह वो अपराध है, जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक समाज और जिला प्रशासन सरकार द्वारा झांसी को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा। इन दोनों द्वारा साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेगी।

बाल विवाह संकल्प समारोह में यूनीसेफ प्रतिनिधि चन्द्रेश यादव, प्रभारी वन स्टाप सेन्टर प्रीति त्रिपाठी, सपोर्ट पर्सन शिवानी पोरवाल, विकास निरंजन, बचपन बचाव आन्दोलन मनीष वर्मा, एएचटीयू प्रतिनिधि महिला कल्याण अधिकारी प्रियंका आशा कार्यकर्ता, महिला लीडर पंचायत सहायक सामुदायिक समाजिक कार्यकर्ता सहित कई ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित