समय से इलाज मिले तो अपने पैरों पर चल सकता है क्लब फुट से ग्रसित बच्चा : डॉ. रविंद्र
गाजियाबाद,18 जून(हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग ने अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से जिला एमएमजी अस्पताल में मंगलवार को विश्व क्लब फुट दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जन्मजात विकृतियों के बारे में बताया गया।
जिला अस्पताल आर्थो सर्जन डॉ.रविंद्र सिंह राणा,डीईआईसी मैनेजर विकास कुमार और अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव प्रीति खंडूरी ने क्लब फुट के चिकित्सकीय प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
आर्थो सर्जन डॉ रविंद्र राणा ने कहा कि क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है, जिससे कि हर 800 नवजात में से एक बच्चा प्रभावित होता है। देश में हर साल 33 हजार बच्चे इस विकृति के साथ पैदा होते हैं। अगर क्लब फुट से ग्रसित बच्चे को समय से इलाज मिल जाए तो वह अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है और सामान्य बच्चों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।
स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट पिछले पांच साल से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ काम कर रही है। क्लबफुट नौ जन्मजात दोषों में से एक है,जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा प्राथमिकता दी गई है।
प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव प्रीति खंडूरी ने बताया कि जनपद में क्लबफुट से पीड़ित 150 से भी अधिक बच्चों का इलाज संस्था करवा रही है। पोन्सेटी पद्धति का इस्तेमाल करके क्लबफुट से पीड़ित सभी बच्चों का आसानी से उपचार किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि क्लबफुट का यदि सही समय पर उपचार नहीं कराया जाए तो बच्चा जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। इलाज न किये जाने पर प्रभावित बच्चों में भेदभाव,उपेक्षा,मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं,अशिक्षा, शारीरिक एवं यौन शोषण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्लब फुट क्यों होता है इसका कोई विशिष्ट कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस समस्या में माँ अथवा बाप का कोई हाथ नहीं है। यह विकृति न तो ग्रहण की वजह से होती है और न ही माँ से बच्चे को फैलती है।
उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से इसका उपचार मुहैया कराया जाता है, जिसका कोई शुल्क नहीं लगता है। अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से हर मंगलवार को जिला एमएमजी अस्पताल में क्लब फुट से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाता है। क्लबफुट के नि:शुल्क इलाज के लिए 7304569194 पर संपर्क कर सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली
/राजेश