टेक्नोलॉजी के साथ खुद को भी बदलें : आनंदीबेन पटेल

 




कानपुर, 29 सितम्बर (हि.स.)। परिस्थितियों चाहे जैसे भी हो अगर मेहनत करते हैं तो सफल जरूर होंगे। भारत के वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जिस स्कूल में पढ़ते थे, वहां पर मैं गई। वह जिस घर में रहते थे वहां पर मैं गई। उनका रहन-सहन देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि यह इतने बड़े वैज्ञानिक का घर हैं। टेक्नोलॉजी के साथ खुद को भी बदलें । शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा। यह बात शुक्रवार को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी भवन में आयोजित दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही।

उन्होंने कहा कि गांव के और विश्वविद्यालय के बच्चे एक साथ जुड़ें ऐसा मेरा मानना है।उन्होंने कहा कि हम स्टार्टअप तो करें साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसा तो नहीं कि हमारे किसी स्टार्टअप से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। चंद्रयान तीन की लैंडिंग में कार्य करने वाले जितने भी वैज्ञानिक थे। वह छोटे-छोटे विद्यालयों से पढ़कर निकले हैं। हमारे पास टैलेंट है इसका प्रयोग हमें करना है। हमारी नजर हमेशा विदेश में रहती है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। देश भर के आईआईटी आपको नई-नई टेक्नोलॉजी सीख रही हैं।

राज्यपाल ने कहा कि हमारा प्रयास है कि गांव के बच्चे और विश्वविद्यालय के बच्चे एक साथ जुड़ें। बीच-बीच में ऐसे कार्यक्रम होना चाहिए की सब एक जगह पर इकट्ठा हों। इस दीक्षांत समारोह में आज जो प्राथमिक स्कूल के बच्चे शामिल हुए हैं यह बच्चे उसी स्कूल के हैं जिस स्कूल में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शमशेर सिंह पढ़े थे। आज उन्होंने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसलिए कोई भी व्यक्ति अपने को कमजोर ना समझें।

हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में 713 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। इस बार केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के तीन छात्रों को कुलाधिपति गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल प्रदान किए गए। जिसमें से कुल 47 छात्रों को कुलाधिपति और कुलपति पदक से सम्मानित किया गया है। वहीं, संस्थान में इस बार मेडल पाने में छात्रों ने बाजी मार ली है। 47 पदक में 31 में छात्रों को और 16 में छात्राओं ने कब्जा किया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पन्त ने कहा कि यहां जितने भी बच्चे आज डिग्री लेकर जा रहे हैं। यह लोग अपने जीवन में स्टार्टअप जरूर करें। मगर ध्यान रखें कि अपने स्टार्टअप को शुरू करने से पहले इस चीज को जरूर देखें की कहीं हमारे स्टार्टअप से पर्यावरण, पृथ्वी को किसी प्रकार का नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है, फिर आगे सोचे। प्रौद्योगिकी अब समाज को बदल रही है, लेकिन इसमें चुनौतियां बहुत है। इस चुनौतियां से निपटने के लिए आप सभी युवा सक्षम है।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत थे। एचबीटीयू के कुलपति प्रो. समशेर ने बताया कि दीक्षांत में उच्च प्राथमिक विद्यालय रामनगर, कल्याणपुर और उच्च प्राथमिक विद्यालय सरैया, घाटमपुर के 15-15 छात्र-छात्राओं को पुस्तकों का वितरण किया गया है। कुलपति भी इसी स्कूल के पढ़े है। उन्होंने बताया कि 713 अपराधियों में 556 बीटेक, 41 एमटेक, 77 एमसीए, 20 एमबीए, 11 पीएचडी और 8 एमएससी के छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गई हैं। कुलाधिपति स्वर्ण पदक केमिकल विभाग के अभिषेक ओझा, रजत पदक खुशी रस्तोगी एवं कांस्य पदक देवांशी तिवारी को दिया गया हैं।

इस बार डिग्री की संख्या बढ़ी है

प्रो. समशेर ने कहा, पिछले साल के मुकाबले इस बार डिग्री की संख्या बढ़ी है। पिछले साल 653 छात्र-छात्राओं को उपाधि मिली थी तो वहीं, इस बार 713 छात्र-छात्राओं को दी गई। पिछले साल के मुकाबले इस बार 1000 छात्रों की संख्या ओवर ऑल कैंपस में बढ़ी है। पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या पहले 75 के आसपास थी, अब 96 हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन