उप्र में तेज आंधी के साथ बारिश व ओलावृष्टि की संभावना
-आकाशीय बिजली और वज्रपात के भी बने आसार
कानपुर, 11 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर प्रदेश का मौसम एक बार फिर बदल गया। बुधवार को जहां तेज आंधी के साथ हल्की बारिश हुई तो वहीं गुरुवार को आसमान में बादलों की आवाजाही देखने को मिली। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में तेज आंधी के साथ बारिश व ओलावृष्टि की संभावना है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली और वज्रपात के भी आसार बने हुए हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक निम्न दबाव की रेखा बनी हुई है और इसकी धुरी लगभग देशांतर के साथ औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। यह 71 डिग्री पूर्व तथा 30° उत्तर अक्षांश के उत्तर तक बनी हुई है। दक्षिण पूर्वी राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर दक्षिण-पूर्व राजस्थान से लेकर मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण कोंकण होते हुए कर्नाटक के तटीय हिस्सों तक चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण पूर्व राजस्थान से उत्तर प्रदेश, बिहार और निचले स्तर पर उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्वोत्तर बांग्लादेश तक फैली हुई है। 12 अप्रैल से एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 39.0 और न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 52 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 26 प्रतिशत रही। हवाओं की औसत गति 6.7 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले पांच दिनों में मध्यम से घने बादल छाए रहने के कारण स्थानीय स्तर पर गरज-चमक, धूल भरी आंधी, तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
13 और 14 अप्रैल को बरतें सावधानी
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्वानुमान है कि 13 -14 अप्रैल को प्रदेश के कई हिस्सों में तड़ित झंझावात, आंधी, तूफान, वज्रपात, ओलावृष्टि के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी और कहीं-कहीं हल्की बारिश से लेकर मध्यम बारिश होने की पूरी संभावना है। क्षोभ मंडल में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के 12 अप्रैल से उत्तर पश्चिमी भारत एवं 13 अप्रैल से उत्तर प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने की पूरी संभावना है। जनमानस को हिदायत दी जाती है कि 13 और 14 अप्रैल में थोड़ी सावधानी बरतें। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह अपनी फसलों की कटाई मड़ाई का काम अगले दो दिन में समाप्त कर लें और अपने अनाज को गोदामों में या घर में सुरक्षित पहुंचा दें जिससे कि अनाजों को कोई नुकसान न पहुंचे।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दिलीप