भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रतिबिम्ब: चंपत राय

 


उन्नाव,14 अगस्त (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर भारत की आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय, चेतना का प्रतिविम्ब है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के विराट नव मन्दिर में रामलला के साथ समस्त देवी-देवताओं, ऋषियों मुनियो की भी सुन्दर मूर्तियाँ स्थापित की जायेगी, जो मन्दिर की महिमा और गरिमा की द्योतक होंगी।

चंपत राय एस. वी. एम इण्टर कालेज सन्त पूरनदास नगर के आस्था सभागार में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया की पुस्तक 'अज्ञेय' का लोकार्पण के बाद बोल रहे थे। पुस्तक के लोकार्पण के अवसर अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक वीरेन्द्र सिंह व पूर्व मंत्री डा. महेन्द्र सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्राचीन साहित्य में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। ब्रह्म परमात्मा का ही दूसरा नाम है। जिसे ऋषियों ने नेति नेति कहकर पुकारा है। शब्द की महिमा व्यापक है। शब्द मनुष्य की अंतरात्मा का ही एक व्यक्त रूप है। लेखक के अन्तः करण से निकले शब्द जब-जब विचार का रूप लेते हैं तब तब साहित्य का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र भदौरिया के साहित्यिक लेख उनके श्रेष्ठ चिन्तन एवम उत्कृष्ट विचारों का अनुपम प्रकाशन हैं जो मानव कल्याण की दृष्टिगत लिखे गये हैं। उनके श्रेष्ठ विचार सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक हैं।

इस अवसर पर प्रान्त प्रचारक कौशल ने कहा कि नरेन्द्र भदौरिया अपनी माँ, माटी और मातृभूमि के प्रति अटल अनुराग रखने वाले चिन्तक है। वे श्री राम जन्म भूमि भान्दोलन के सक्रिय सदस्य व प्रेरक रहे हैं। उनका जीवन एक तपस्वी का जीवन है। राष्ट्र भक्ति उनके अन्तःकरण में कूट-कूट कर भरी है। इसीलिए उनके लेखों में राष्ट्रीय चेलना व राष्ट्र निर्माण भाव परिलक्षित होते है । उनके विचारों में गहन अनुभव व अनुभूति है। जो सबके मन को बरबस.. पढ़ने के लिए आकृष्ट करते हैं।

दिव्य प्रेम प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष आशीष भैय्या ने कहा कि अज्ञेय पुस्तक के लेखक नरेन्द्र भदौरिया आर्य मनीषा के शोधी हैं। ज्ञान के प्रति जिज्ञासु हैं। उनके लेखों में स्वामी विवेकानन्द व भगवान श्रीकृष्ण के कर्मवाद की स्पष्ट झलक मिलती है। भारत के ऋषियों-सुनियों के गम्भीर चिन्तन व विचार सुन्दर ढ़ंग से पिरोये गये हैं। ऐतिहासिक लेख एवं संस्मरण भारत के सांस्कृतिक गौरव व धार्मिक चेतना' को जागृत करने में समर्थ हैं।

पूर्व मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारा भारत सनातन काल से अजर-अमर राष्ट्र है। इसका अस्तित्व अखण्ड है। हिमालय से लेकर हिन्द महासागर तक इसकी सत्ता अक्षुण्य है। भदौरिया जी के आदर्श लेख भारतीय गौरव के मानों गान है। सारस्वत धर्म के पुजारी होने के कारण उनके द्वारा लिखित समस्त पुस्तकें राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तक 'अज्ञेय' के लेख भी राष्ट्रीय भावना प्रेरित करने में समर्थ हैं।

इस अवसर पर बांगरमऊ विधायक श्रीकान्त वर्मा, पुरवा विधायक अनिल सिंह,शिक्षक नेता वेणु रंजन भदौरिया, स्वामी भास्कर रूपरूप सर्वोदय आश्रम राय बरेली, पूज्य जगतगुरु ओम प्रपनाचार्यजी, बृजेश रावत विधायक मोहन, जगवीर सिंह बागरमऊ व जिला कार्यवाह आशीष सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। शिवांक रमन ने कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों व गणमान्य जनों का आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव / मोहित वर्मा