दीपावली मेले में बुंदेली लोक विधाओं को संजीवनी देगा चित्रकूट धाम तीर्थ परिषद : अभिषेक आनंद
-भव्य और दिव्य होगा चित्रकूट का दीपावली महोत्सव: पंकज वर्मा
चित्रकूट, 07 नवम्बर (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ चित्रकूट को अंतर-राष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को योगी सरकार संकल्पित है। इस बार भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में भव्य और दिव्य तरीके से दीपावली महोत्सव-2023 मनाया जाएगा। इसके लिए श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद की ओर से जोर-शोर से पौराणिक तीर्थ को सजाने-संवारने की तैयारियां की जा रही है। सभी मुख्य चौराहों और चित्रकूट के प्रमुख धार्मिक स्थलों को विद्युत की आकर्षक झालरों व रंग बिरंगे कपड़ों से तोरण द्वार बनाकर सजाया जा रहा है। बेड़ी पुलिया से लेकर रामघाट तक विशेष सजावट की जा रही है। इसके अलावा मंदाकिनी के रामघाट को ऐतिहासिक आकर्षण देने के लिए सजावट का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। दीपावली महोत्सव के दौरान तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी श्री चित्रकूट तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराए जाएंगे।
मंगलवार को श्री चित्रकूट तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं जिलधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बुंदेलखंड में विलुप्त हो रही लोक कलाओं के संवर्धन एवं संरक्षण के उद्देश्य विशेष तरजीह यहां के स्थानीय लोक कलाकारों को दी जाएगी।
दीपावली महोत्सव कार्यक्रम के विशेष कार्याधिकारी अपर उप जिलाधिकारी पंकज वर्मा ने बताया कि चित्रकूट उत्सव के अंतर्गत 9, 10, 11 नवंबर को तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत प्रस्तुतियां रामायण मेला के मंच पर होंगी। बताया कि 9 नवंबर को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं लोकगीत,इसके बाद कैलाश प्रिदूषा एवं साथी जो दिल्ली की टीम है। उनके द्वारा भजन एवं नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। 10 नवंबर को जबलपुर की सुप्रसिद्ध आल्हा गायिका संजू बघेल की टीम द्वारा आल्हा एवं राम भजन,मथुरा की वंदना द्वारा नृत्य नाटिका एवं संगीत की शानदार प्रस्तुति दी जाएगी। 11 नवंबर को झांसी के प्रसिद्ध भजन गायक चंद्रभूषण पाठक की प्रस्तुतियों से भजन संध्या सजाई जाएगी।
कार्यक्रम के व्यवस्थापक उप जिलाधिकारी पंकज वर्मा ने बताया कि चित्रकूट अमावस्या मेला पांच दिवसीय चलेगा। इस मेले में देश-विदेश से लगभग 50 लाख की भीड़ श्रद्धालुओं के रूप में चित्रकूट आती है और यहां रामघाट में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मंदाकिनी और कामदगिरि में दीपदान कर कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाते हैं। श्रद्धालुओं का पांच दिनों तक यहां ठहराव होता है इस दौरान उन्हें धार्मिक कार्यक्रमों में सराबोर रखने एवं बुंदेली लोक कला से रूबरू कराने के उद्देश्य से श्री चित्रकूट तीर्थ विकास परिषद द्वारा यह नई पहल की गई है।
बताया कि लखनऊ के श्रीनारायण कठपुतली नृत्य प्रस्तुत करेंगे। बांदा के आरसी योगा द्वारा जादू और रायबरेली की शीलू अपना आल्हा का जलवा बिखेरेंगी। बांदा के प्रसिद्ध दीवारी नृत्य पार्टी रमेश पाल की टीम द्वारा शानदार प्रस्तुति होगी। महोबा की प्रतीक्षा दीक्षा जहां आल्हा की प्रस्तुति देंगी, वहीं मऊरानीपुर के रघुवीर राई नृत्य प्रस्तुत करेंगे। बांदा के रामस्वरूप राही भजन गायकी और मानिकपुर की कोल आदिवासी श्रीमती बूटी देवी का कोल्हाई नृत्य प्रस्तुत होगा। स्वामी जी भरखरी गद्दी की भजन और कबीरपंथी भी मंच में आपको सुनने और देखने को मिलेगी। वहीं पर झांसी के द्वारिका यादव अपना अलगोजा का वादन प्रस्तुत करेंगे। जबकि छोटेलाल प्रजापति द्वारा कुम्हराई की प्रस्तुति दी जाएगी।
हमीरपुर के राम भजन सिंह हुडुक वादन और आचरी गायन, मथुरा के हर प्रसाद राजपूत लावणी और चंग जबकि मथुरा के उपेंद्र सिंह जैहर लोक कला की शानदार प्रस्तुति देने के लिए आ रहे हैं, वहीं खिलचीपुर के सोनू सही डमरू और बांदीकुई के बनवारी लाल कच्ची घोड़ी और अकरम खान बहुरूपिया जबकि संतोष और उनकी टीम मशक बीन की प्रस्तुति देंगे।
जिलाधिकारी ने सभी आस्थावानों से रामायण मेला प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक लोक कलाओं का आनंद लेने के लिए सभी से अपील की है। स्थानीय नगर वासियों से भी कहा है कि सभी लोग 9, 10 ,11 नवंबर को रामायण मेला में आयोजित लोक कलाओं की शानदार प्रस्तुतियों का आनंद लेने के लिए अवश्य पहुंचे और आनंद उठाएं।
हिन्दुस्थान समाचार/रतन/राजेश