कानपुर जोन में 5290 बोरिंग की हो चुकी हैं स्वीकृति, 4583 का कार्य हुआ पूरा
कानपुर,20 दिसम्बर (हि.स.)। कानपुर जोन में हर घर नल जल अभियान के तहत 9108 गांव शामिल हैं। जिसमें जल पहुंचाने के लिए अब तक 4776 योजना तैयार कर ली गई है। योजनाओं के तहत जोन में 5290 बोरिंग की स्वीकृति हो चुकी हैं और 4583 बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है। यह जानकारी बुधवार को उप्र जल निगम ग्रामीण क्षेत्र कानपुर जोन के मुख्य अभियंता ई.आर.बी.राम ने दी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन एवं नमामि गंगे के तहत शुरू किया गया हर घर नल जल पहुंचाने वाली योजना पर लगातार तेजी से कार्य जारी है। कानपुर जोन के प्रयागराज जनपद में 1351 गांव है। यहां 664 योजनाएं स्वीकृति हुई हैं। इसके साथ ही 664 बोरिंग करने की स्वीकृति हो चुकी, जिसमें से 423 बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है।
इसी तरह प्रतापगढ़ में 1794 गांव के लिए 821 योजना शुरू हो चुकी हैं और 985 बोरिंग की मंजूरी मिली है, जिसमें से 853 बोरिंग कर दी गई है। फतेहपुर जिले में 1193 गांव के लिए 664 योजना है और 707 बोरिंग करने की स्वीकृति हो चुकी हैं। जिसमें से 707 बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है। कौशाम्बी में 625 गांव हैं, जहां 275 योजनाएं हैं और 357 बोरिंग की स्वीकृति हो चुकी हैं और 336 बोरिंग का कार्य अब तक पूरा किया जा चुका है।
इसी क्रम में कन्नौज जिले में 528 गांव है जहां 316 योजना स्वीकृति हुई हैं। 347 बोरिंग की स्वीकृति हो चुकी और यहां 332 बोरिंग का काम पूरा हो चुका है। इटावा 540 गांव हैं और 353 योजना की मंजूरी हुई हैं। यहां 390 बोरिंग की स्वीकृत हैं और 300 बोरिंग हो चुकी है। फर्रूखाबाद में 709 गांव हैं, यहां 378 योजना स्वीकृति हो चुकी हैं। जबकि यहां 423 बोरिंग की स्वीकृति हो चुकी हैं और 390 बोरिंग की जा चुकी हैं। कानपुर नगर में 709 गांव हैं यहां 425 योजनाएं स्वीकृति हुई हैं और 467 बोरिंग की स्वीकृति हो चुकी हैं और 402 बोरिंग का काम पूरा हो चुका है। कानपुर देहात में 839 गांव हैं और यहां 503 योजनाएं मंजूर हुई हैं। यहां 539 बोरिंग की स्वीकृति हुई हैं और 414 बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है। औरैया जिले में 725 गांव है और 377 योजनाओं को स्वीकृति हुई है। इसके साथ ही 411 बोरिंग स्वीकृति हुई और अब तक 338 बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित