पुस्तक मेला में ‘प्रोफेसर की डायरी’ और ‘नौकर की कमीज़’ पाठकों की पहली पसंद

 


प्रयागराज, 25 दिसम्बर (हि.स.)। व्यापक और समृद्ध पुस्तक-संग्रह से सजा ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला इन दिनों पुस्तक प्रेमियों को खासा आकर्षित कर रहा है। छूट के चलते जिले भर से पाठक बड़ी संख्या में मेले का रुख कर रहे हैं। कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट – रॉयल गार्डन में “विजन 2047 : विकसित भारत – विकसित प्रदेश” की थीम पर आधारित इस पुस्तक मेले के आठवें दिन गुरुवार को भी पाठकों की भारी भीड़ देखने को मिली।

हिंदी कहानियों, उपन्यासों और कविताओं के लिए पहचाने जाने वाले अनबाउंड स्क्रिप्ट के स्टॉल पर पाठकों की विशेष रुचि देखी गई। यहां शरद त्रिपाठी की जमुनापार वाली मोहब्बत, वरुण दूबे की उस से मोहब्बत, विश्वास शर्मा की बेरोजगार इंजीनियर और गूंगी गन का इंसाफ तथा विजेंद्र चौहान की 3 मुलाकातें और कुछ कहानियाँ, 5 जीवों से बातें, प्रोफेसर की डायरी और लुक अराउंड UPSC 2.0 की अच्छी मांग बनी हुई है।

स्टॉल प्रतिनिधि राम गोपाल शुक्ला के अनुसार आरजे कार्तिक की कर दिखाओ कुछ ऐसा, नीरज पाण्डेय की कहीं और पर कहाँ, प्रेम ढूंढ लेगा तुम्हें और गोपाल दत्त की कविताएं भी पाठकों को खूब पसंद आ रही हैं।

मेले में दिनकर पुस्तकालय का स्टॉल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं के कारण विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां रेणुका, हुंकार, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय सहित उनकी प्रसिद्ध कृतियों के साथ गद्य एवं निबंध संग्रह—अर्धनारीश्वर, रेती के फूल, धूप और धुआं, आत्मा की आंखें, इतिहास के आंसू तथा दिनकर के पत्र के लिए भी पाठक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए रितेश बुक एजेंसी का स्टॉल खासा उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन के स्टॉल पर अज्ञेय की कितनी नावों में कितनी बार, विनोद कुमार शुक्ल की नौकर की कमीज़, केदारनाथ सिंह की पानी की प्रार्थना सहित अनुवाद और क्लासिक्स—फिराक गोरखपुरी की गुल-ए-नग़मा और अमृतकांत की सूखा पत्ता—तथा शोध और प्राकृत साहित्य (धवला ग्रंथ, शतखंडागम—प्राकृत/संस्कृत टीका) के पुस्तक प्रेमी बड़ी संख्या में देखे गए।

इसी क्रम में कलर्स ऑफ कल्चरल एंड आर्ट फाउंडेशन, प्रयागराज द्वारा गुरुवार को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रकवि अटल बिहारी वाजपेयी की शताब्दी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम के दौरान प्रयागराज प्रदर्शनी महाकुम्भ की महागाथा तथा जासूस बब्बन बिहारी पुस्तकों का विधिवत विमोचन महापौर गणेश केसरवानी, पूर्व मंत्री डॉ नरेंद्र सिंह गौर सहित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र