चार विधायकों की बदौलत दो लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही भाजपा

 


- कल्याणपुर विधायिका ने तो भाजपा उम्मीदवार को दिलाया अपने से अधिक मत

कानपुर, 07 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में अबकी बार हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम पर विपक्ष भारी रहा, लेकिन कानपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर कमल खिलने से विपक्ष नहीं रोक पाया। इसके पीछे चार भाजपा विधायकों की कड़ी मेहनत व पार्टी के प्रति समर्पित भाव दिखा, जिससे इनके क्षेत्रों पर विपक्ष कामयाब नहीं हो सका और कड़ी टक्कर में भाजपा दोनों सीटें जीतने में सफल रही। कल्याणपुर सीट से विधायक नीलिमा कटियार ने तो ऐसा कमाल किया कि विधानसभा चुनाव में उन्हें जितने मत मिले, उससे अधिक भाजपा उम्मीदवार को दिलाने में सफल रही।

कानपुर लोकसभा सीट

इस लोकसभा सीट के अर्न्तगत पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें तीन पर सपा का कब्जा है और दो पर भाजपा का। सपा के कब्जे में आर्य नगर, सीसामऊ और छावनी तो भाजपा के कब्जे में किदवई नगर और गोविन्द नगर विधानसभा सीटें हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में जैसे ही कांग्रेस ने कानपुर सीट से आलोक मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा तो राजनीतिक पंडित कहने लगे थे कि अगर किदवई नगर और गोविन्द नगर विधानसभा सीटों पर आलोक मिश्रा सेंध लगाने में सफल होते हैं तो जीत निश्चित है, क्योंकि जो तीन सीटें सपा के कब्जे में हैं उस क्षेत्र से सपा विधायक गठबंधन के तहत बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हुआ भी ऐसा ही सपा के कब्जे वाली विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार रमेश अवस्थी काफी पीछे रहे, लेकिन किदवई नगर और गोविन्द नगर से मिली भारी लीड से अन्तत: कांग्रेस उम्मीदवार चारों खाने चित हो गये।

एक नजर में आंकड़े

विधानसभा चुनाव 2022 में सपा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे और अबकी बार लोकसभा चुनाव में एक साथ रहे। विधानसभा चुनाव में मिले मतों के आसपास ही भाजपा व कांग्रेस उम्मीदवार रहे। भाजपा को 442224 और गठबंधन (कांग्रेस और सपा) को 420613 मिले थे, अबकी बार लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रमेश अवस्थी को 443055 और कांग्रेस उम्मीदवार आलोक मिश्रा को 422087 मत मिले। विधानसभावार देखें तो विधानसभा चुनाव में आर्यनगर विधानसभा सीट से 76,897 सपा, 68,973 भाजपा, 3,309 कांग्रेस को मत मिले और अबकी बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को 67539 और कांग्रेस को 78878 मत प्राप्त हुए।सीसामऊ विधानसभा 79,163 सपा, 66,897 भाजपा, 5,616 कांग्रेस को मत मिले और लोकसभा चुनाव में भाजपा को 60888 और कांग्रेस को 87323 मत मिले। छावनी विधानसभा 94,729 सपा, 74,742 भाजपा, 13,279 कांग्रेस को मत मिले और लोकसभा चुनाव में भाजपा को 17520 और कांग्रेस को 115028 मत मिले। गोविन्द नगर विधानसभा 117,501 भाजपा, 36,605 सपा, 26,267 कांग्रेस को मिले और लोकसभा चुनाव में भाजपा को 112400 और कांग्रेस को 71560 मत मिले। किदवई नगर विधानसभा 114,111 भाजपा, 76,351 कांग्रेस, 8,397 सपा को मत मिले और लोकसभा चुनाव में भाजपा को 128302 और कांग्रेस को 66680 मत मिले। इस प्रकार किदवई नगर और गोविन्द नगर के भाजपा विधायकों क्रमश: महेश त्रिवेदी और सुरेन्द्र मैथानी ने कड़ी मेहनत कर कानपुर लोकसभा सीट पर तीसरी बार कमल खिलाने में कामयाब रहे।

अकबरपुर लोकसभा सीट

अकबरपुर लोकसभा सीट के अर्न्तगत कानपुर नगर जनपद की चार विधानसभा सीटें आती हैं और एक कानपुर देहात की अकबरपुर विधानसभा सीट आती है। पांच विधानसभा सीटों में महाराजपुर से विधायक सतीश महाना और कल्याणपुर से विधायक नीलिमा कटियार ने अपने अपने क्षेत्रों में ऐसी कड़ी मेहनत की कि भाजपा उम्मीदवार देवेन्द्र सिंह भोले तीसरी बार संसद पहुंचने में सफल रहे। बाकी तीन विधानसभा सीटों पर सपा के राजाराम पाल आगे रहे। इनमें सबसे बड़ी अहम भूमिका देखा जाये तो नीलिमा कटियार की रही जिन्होंने विधानसभा चुनाव में उन्हे जो मत मिले उससे अधिक मत देवेन्द्र सिंह भोले को दिलाने में कामयाब रही। नीलिमा कटियार को विधानसभा चुनाव में 98,997 मत मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को 114672 मत मिले। इससे साफ है कि नीलिमा कटियार की जमीनी पकड़ और मजबूत हुई है और सपा कमजोर हुई। इसी प्रकार महाराजपुर में सतीश महाना को विधानसभा में 152,883 मत मिले थे और अबकी बार इस विधानसभा सीट से भाजपा के देवेन्द्र सिंह भोले को 142358 मत मिले। जिन तीन विधानसभा सीटों पर सपा उम्मीदवार की बढ़त रही उनमें बिठूर सीट से लगातार दो बार से अभिजीत सिंह सांगा भाजपा से विधायक हैं। अकबरपुर सीट से प्रतिभा शुक्ला लगातार दो बार से भाजपा विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। घाटमपुर विधानसभा सीट से भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस से सरोज कुरील विधायक हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम