सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के गठन से संरक्षित विभिन्न कलाओं को संरक्षित कर रही है भाजपा: ओमप्रकाश

 


कानपुर, 27 दिसम्बर (हि.स.)। भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का गठन करके देश की संस्कृति को हर तरह से जीवित रखने हेतु के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। यह बात बुधवार को कानपुर में स्थित मंदाकिनी रॉयल होटल सकेत नगर में हुई बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा उत्तर प्रदेश के विभाग एवं प्रकोष्ठों के प्रभारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कही।

उन्होंने कहा कि पार्टी की योजनाओं व किये गए जनहित के कार्यों को अपनी-अपनी विद्या व कला के माध्यम से जनता के बीच जाकर जनजागरण करना व अपनी संस्कृति पर आधारित परंपरागत तरीके से जो विद्या चली आ रही है उसको संरक्षित सर्वाधिक करने कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों को अपनी-अपनी विद्या व कला के माध्यम से जनता के बीच जाकर जनजागरण करना व अपनी संस्कृति पर आधारित परंपरागत तरीके से जो विद्या चली आ रही है, उसको संरक्षित सर्वाधिक करने हेतु समाज के उन सभी के बीच में जाना जो विभिन्न प्रकार से सांस्कृतिक कार्य से जुड़े हुए हैं, जैसे संगीत गायन वादन कला लोकगीत लोक संगीत लोक कला नृत्य कला नाटक कला तथा कथावाचक प्रवचन कथावाचक प्रवचन करता लेखक उपदेशक निर्देशक अभिनेता आदि क्षेत्र में कार्यरत है। भौगोलिक तथा सामाजिक आधार पर उनकी अलग-अलग पहचान है जो समाज को अपनी कला से प्रभावित करते हैं उनसे संपर्क करके पार्टी की विचारधारा से जोड़ने का कार्य करना सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का कार्य क्षेत्र है।

सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रवि सतीजा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक प्रकोष्ठ कला संस्कृति से जुड़े सभी लोगों को सूचीबद्ध करते हुए अपने-अपने क्षेत्रीय संयोजकों को भेजना एवं केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं सभी को अवगत कराना एवं योजनाओं का लाभ दिलाना जैसे अनुभवी कलाकार सहायता फाइनेंशियल योजना 2023 विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्कृष्ट व्यक्तियों के लिए सीनरीर व जूनियर फेलोशिप प्रदान हित् में 40 साल या उससे अधिक के आयु समूह चयनित कलाकारों को संस्कृत शोध हेतु 2 वर्ष तक 4 बार थी छमाही किस्तों में 20000 रुपये प्रति माह की सीनियर फेलोशिप प्रदान की जाती है। इसी तरह संस्कृत से जुड़े कलाकारों के हित में मोदी जी द्वारा बनाई गई योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री योजना 60 वर्ष से अधिक आयु के उन कलाकारों को 6000 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जिन्होंने कला और संस्कृत के अपने विशिष्ट क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों के लिए मोदी जी द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता का लाभ अवश्य दिलाएं ताकि लुप्त हो रही प्राचीन परंपरागत वाद्य यंत्र वह देश की संस्कृति से जुड़े अलग-अलग क्षेत्र के प्रचलित लोकगीत संगीत जीवित रह सके।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/आकाश