आज उन्हें याद करने का दिन जिनका जीवन बंटवारे की बलि चढ़ गया : शंकर लाल लोधी

 








हरदोई, 14 अगस्त (हि.स.)। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं ने मौन पद यात्रा निकाली और श्रीशचंद्र सभागार में गोष्ठी का आयोजन कर 14 अगस्त 1947 को देश के बंटवारे के दौरान नरसंहार में विस्थापित हुए लोगों के दर्द को याद किया।

गोष्ठी में भाजपा के जिला प्रभारी व प्रदेश सचिव शंकर लाल लोधी ने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है जिनका जीवन देश के बंटवारे की बली चढ़ गया। यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन है।

प्रदेश सचिव शंकर लाल लोधी ने कहा कि मुसलमानों के लिए जिन्ना द्वारा अलग देश की मांग को कांग्रेस द्वारा स्वीकार किया। जिसका परिणाम एक अनुमान के अनुसार 10 लाख लोगों की मौत और लगभग डेढ़ करोड़ लोगों अपना घर बार छोड़ विस्थापित होना पड़ा। वर्तमान पीढ़ी के सामने भारत के इस काले अध्याय को सामने लाना आवश्यक है। स्वार्थ पूरा करने के लिए स्वतंत्रता की नींव पर देश को धर्म के आधार पर दो भागों में बांट दिया गया।

शंकर लाल लोधी ने कहा कि जिसका खामियाजा लाखों लोगों को अपनी जान देकर देना पड़ा। इतनी बड़ी घटना को देश के नागरिकों से छुपाई गई। भारत आने वाले विस्थापितों ने कितनी बड़ी त्रासदी को झेला पर उस समय की कॉंग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति के चलते उनको अनाथ की तरह छोड़ दिया। देश आज भी बंटवारे का दंश झेल रहा है। कभी आतंकवाद के रूप में, कभी पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं, बौद्धों, सिखों, जैनियों के विरुद्ध कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा नरसंहार के रूप में। विडंबना यह भी है कि तुष्टीकरण के सेक्युलर चैंपियन मुंह पर पट्टी बांधकर बैठ जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा