वैश्विक बौद्ध पर्यटन का केंद्र बना उत्तर प्रदेश, वर्ष 2025 में 61 लाख से अधिक आये पर्यटक

 


--उत्तर प्रदेश बना ग्लोबल बौद्ध पर्यटन का हब- जयवीर सिंह

लखनऊ, 28 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की दूरदर्शी नीतियों और निरंतर प्रयासों का सकारात्मक असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। राज्य का बौद्ध सर्किट आस्था, विश्वास और वैश्विक पर्यटन का सशक्त केंद्र बनकर उभर रहा है। पर्यटन विभाग की जनवरी से सितम्बर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, कपिलवस्तु और संकिसा जैसे छह प्रमुख बौद्ध स्थल न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिला रहे हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को लेकर लगातार बढ़ती वैश्विक रुचि देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के नौ महीनों (जनवरी से सितम्बर) के दौरान भगवान बुद्ध से जुड़े प्रदेश के छह प्रमुख स्थलों पर कुल 61,15,850 पर्यटकों ने दर्शन किए, जिनमें 58,44,591 घरेलू तथा 2,71,259 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। यह आंकड़े प्रदेश में बौद्ध विरासत की अंतरराष्ट्रीय पहचान और पर्यटन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण का प्रमाण है।' पर्यटन विभाग का अनुमान है कि वर्ष 2025 के अंत तक इन पवित्र स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 64 लाख के पार जा सकता है।

--कौशाम्बी में उमड़े पर्यटकउत्तर प्रदेश का कौशाम्बी जिला ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक तीनों दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह भूमि विशेष महत्व रखती है, क्योंकि भगवान बुद्ध ने यहीं अपना छठा और नौवां वर्षावास व्यतीत किया था। वर्ष 2025 के जनवरी से सितम्बर के बीच जनपद में कुल 23,19,237 पर्यटकों का आगमन दर्ज किया गया, जिनमें 2,884 विदेशी पर्यटक शामिल हैं।

--बौद्ध सर्किट के अन्य स्थलों पर कितने आए पर्यटक?उत्तर प्रदेश के सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु और संकिसा जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे। कपिलवस्तु में कुल 51,795 पर्यटकों ने भ्रमण किया, जिनमें 15,423 विदेशी सैलानी शामिल रहे। वहीं, महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में सर्वाधिक 18,60,507 पर्यटकों का आगमन हुआ, जिनमें 1,88,131 विदेशी पर्यटक थे। तथागत द्वारा प्रथम उपदेश दिए गए पावन स्थल सारनाथ में 17,75,489 पर्यटक पहुंचे, जिनमें 64,821 विदेशी आगंतुक शामिल रहे। इसी क्रम में श्रावस्ती में 79,245 तथा संकिसा में 29,577 पर्यटकों का आगमन दर्ज किया गया।

--वर्ष 2023 से लगातार बढ़ रही पर्यटक संख्या पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2023 में इन स्थलों पर कुल 47,04,317 पर्यटकों ने भ्रमण किया, जिनमें 2,54,688 विदेशी सैलानी शामिल थे। वहीं, वर्ष 2024 में यह संख्या तेजी से बढ़ी और कुल 61,47,826 पर्यटक इन स्थलों तक पहुंचे, जिनमें 3,53,461 विदेशी पर्यटक रहे।

'वैश्विक मंचों से बोधि यात्रा के लिए आमंत्रण'प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात ने बताया कि विभाग द्वारा थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, जापान, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे बौद्ध बहुल देशों के टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) का आयोजन भी किया जाता रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन