बैरिस्टर साहब शिक्षा, समाज और राष्ट्र के लिए थे समर्पित : विनय सिंह

 


कानपुर, 27 अक्टूबर(हि.स.)। बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह शिक्षा, समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित थे। वास्तव में उनकी पहचान उनके कार्यों एवं उत्तम विचारों के कारण पूरे देश में थी। वास्तव में उनका जीवन सार्थक हो गया, उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है।

यह बात शुक्रवार को बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह तीसवां स्मृति समारोह के तहत बी.एन. एस. डी. शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज बेनाझाबर के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि एवं जिला जज विनय सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन में सफलता पाने के लिये स्वप्न देखना आवश्यक है। स्वप्न देखकर उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं, स्वप्न को साकार करने के लिए संकल्प शक्ति चाहिए, केवल स्वप्न देखने से कुछ नहीं होगा। मुंगेरीलाल का स्वप्न बन जायेगा। स्वप्न को पूरा करने के लिए जी जान लगा दीजिए।

उन्होंने कहा कि बैरिस्टर साहिब ने इस विद्यालय का स्वप्न देखा था, उसे साकार करके दिखा दिया। स्वप्न को पूरा करने के लिए हौसला चाहिए, समय का सदुपयोग करें, स्वप्न को साकार करने के लिए जीयें। विद्यार्थियों पर माता-पिता, गुरुजनों, समाज एवं राष्ट्र का कर्ज हैं, उसे उतारें। कुछ ऐसा करें कि जमाना मिसाल दे।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए यू. पी.बार काउन्सिल के पूर्व चेयरमैन एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष पं. रमाकान्त मिश्र ने कहा कि बैरिस्टर साहब भली-भांति जानते थे कि राष्ट्र को सुदृढ़ एवं समृद्धशाली बनाने के लिए शिक्षा ही एक मात्र आधार है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बी. एन. एस. डी. शिक्षा निकेतन की स्थापना की थी, जो आज प्रदेश की उत्कृष्ट एवं प्रेरक संस्था है। बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह मानव धर्म, शिक्षा न्याय, समाज व राष्ट्र निर्माण के प्रति सदैव समर्पित भाव से कार्य करते रहे। उनका महान जीवन हम सबको प्रेरणा देता है। मुख्य अतिथि ने विद्यालय के पूर्व छात्रों, अध्ययनरत प्रतिभाशाली 34 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

विद्यालय के प्रबन्धक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य शंकर बाजपेई ने विद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। विद्यालय प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष बी. के. लाहोटी ने आभार प्रदर्शन किया। उपप्रधानाचार्य मंजू बाला श्रीवास्तव ने अतिथि परिचय कराया। प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह ने स्वागत किया। बहन रित्विका सिंह एवं दिव्यांशी दुबे ने संचालन किया। बहन शैली गुप्ता ने एकल गीत 'भारत सबसे बड़ा रहेगा 'कार्तिकेय पाण्डेय ने गीत 'ये तो सच है,अक्षय सिंह ने 'एक बार वृन्दावन में आकर, प्रिंस दीक्षित ने गीत 'जहां पर कदम-कदम पर धरती बदले रंग' की सुमधुर प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/राजेश