रेलवे के टीसी बने 'मामा', ट्रेन में दुधमुंहे बच्चे को उपलब्ध कराया दूध
बलिया, 12 सितंबर (हि.स.)।
ट्रेनों में काले कोट में दिखने वाले टीटीई या रेलवे स्टेशनों पर मौजूद टीसी को कई बार यात्री 'मामा' भी कहते हैं। गुरुवार को एक टिकट कलेक्टर ने मामा की भूमिका का बखूबी निर्वहन किया। दूध के लिए तड़प रहे महिला यात्री के बच्चे के लिए रेलवे का यह मामा फरिश्ता बन गया।
दरअसल, दिल्ली से जयनगर जा रही सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में सफर कर रही महिला के बच्चे को दूध की तलब हुई। बच्चे के रोने पर कोई उपाय सूझता न देख एस थ्री कोच के बर्थ संख्या 71 पर यात्रा कर रही महिला ने रेल मदद एप का सहारा लिया। किरण नाम की महिला ने रेल मदद के माध्यम से अपने छोटे बच्चे को फीड कराने के लिए दूध का बोतल उपलब्ध कराने की मांग की। इसमें कोई पैंट्री कार नहीं होने के करण गाड़ी के बलिया पहुंचने के पहले रेल मदद के माध्यम से इसकी सूचना वाराणसी मंडल के कमर्शियल कंट्रोल दीपक कुमार मल्ल को दी गई। दीपक कुमार मल्ल ने बलिया रेलवे स्टेशन पर तैनात टिकट कलेक्टर अभिनन्दन कुमार सिंह को इस बाबत सूचित किया। अभिनन्दन कुमार सिंह ने समय से पहले दूध की बोतल की व्यवस्था की और सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन के बलिया रेलवे स्टेशन पहुंचते ही महिला यात्री को दूध का बोतल पहुंचाया। महिला यात्री ने रेलवे द्वारा मदद की गुहार पर त्वरित कार्रवाई के लिए आभार प्रकट किया और रेल कर्मचारियों को धन्यवाद किया। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि स्टेशन अथवा यात्रा के दौरान रेल यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए रेल प्रशासन के साथ-साथ रेल कर्मचारी भी चौबीस घंटे सहायता के लिए मुस्तैद रहते हैं। उन्होंने बताया कि ‘रेल मदद‘ ऐप के अलावा हेल्प लाइन नम्बर-139, एसएमएस व वेब के माध्यम से भी मांगी गई सूचनाओं का समय से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / नीतू तिवारी