वोटरों के मन में सवाल, कौन होगा बलिया संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी
बलिया, 20 मार्च (हि. स.)। लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। जिले से जुड़ी तीन लोकसभा सीटों में से घोसी और सलेमपुर के लिए एनडीए के खेमे से प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं लेकिन जिस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार लम्बा होता जा रहा है वह है बलिया।
बलिया लोकसभा सीट का चुनाव अंतिम चरण यानी एक जून को है। इस सीट के लिए सात मई से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी जो चौदह मई तक चलेगी। यहां एक जून को मतदान होगा। लोकसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान हो जाने के बाद भी न तो भाजपा और न ही सपा, दोनों खेमों से प्रत्याशी घोषित किये गए। ऐसे में दोनों के समर्थकों को प्रत्याशियों के इंतजार है।
सूत्रों की मानें तो दोनों तरफ से जातीय समीकरणों के चलते पहले आप वाला फार्मूला अपनाया जा रहा है। हालांकि, जिले से जुड़ीं तीन लोकसभा सीटों में से दो यानी घोसी और सलेमपुर के लिए एनडीए के उम्मीदवार सामने आ चुके हैं। घोसी के लिए सुभासपा ने अरविंद राजभर के उम्मीदवारी की घोषणा की है। जबकि सलेमपुर के लिए भाजपा ने अपनी पहली ही लिस्ट में वर्तमान सांसद रविंदर कुशवाहा को टिकट दे दिया था। बस जिले की सबसे हॉट सीट बलिया से प्रत्याशी की घोषणा को होल्ड कर दिया।
हालांकि, पिछले पांच साल के दौरान जिले में हुए विकास कार्यों को देख लोग खासे उत्साहित हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर बलिया से। भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा। क्योंकि बलिया लोकसभा सीट 2014 और 2019 में लगातार दो बार भाजपा के पाले में रही। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कैंडिडेट बदल कर भदोही से सांसद रहे वीरेन्द्र सिंह मस्त को लड़ाया था। जिन्होंने समाजवादी पार्टी के सनातन पाण्डेय को लगभग 16 हजार मतों से पराजित किया था। वीरेन्द्र सिंह मस्त को 4.69 लाख मत व सनातन पाण्डेय को 4.53 लाख मत प्राप्त हुए थे।
पच्चीस लाख वोटरों वाले जिले के बलिया लोकसभा क्षेत्र में करीब 18 लाख वोटर हैं। इसमें दस फीसदी से भी कम वोटर शहरों और कस्बों में रहते हैं। ज्यादातर मतदाता गांवों में बसते हैं। इस लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां सबसे अधिक करीब तीन लाख भूमिहार और ब्राह्मण मतदाता हैं। जबकि तकरीबन ढाई-ढाई लाख यादव, राजपूत और दलित वोटर हैं। मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब एक लाख है।
बलिया में विकास के दम पर भाजपा को जीत की उम्मीद
बलिया लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही काफी पिछड़ा रहा है। पिछले दस सालों में विकास की किरणें बलिया पर भरपूर पड़ीं। बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त के कार्यकाल के दौरान जिले में रोजगार के लिए युवाओं का पलायन रोकने को बायो पेट्रोल प्रोत्साहन योजना के तहत 200 करोड़ का एथेनॉल प्लांट बैरिया तहसील में लगाया जा रहा है। इसके अलावा जिले को कई बड़ी सड़क व रेल परियोजनाओं की सौगात मिलीं। बड़े शहरों के लिए कई नई ट्रेनों का संचालन व कई ट्रेनों का विस्तार बलिया तक हुआ। बलिया-आरा नया रेल मार्ग विकास की कड़ी में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे को भी जिले के विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे बलिया समेत आसपास के जनपदों की कनेक्टिविटी राज्य और देश की राजधानियों से सीधे हो सकेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश