कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का बड़ा महत्व: महावीर शरण
अयोध्या, 05 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रसिद्ध पीठ हनुमत केलकुंज लक्ष्मणघाट, अयाेध्याधाम के श्रीमहंत महावीर शरण महाराज ने कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा एवं देव दीपावली के पावन अवसर पर कहा कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु का वास जल में ही रहता है। इस कारण कार्तिक मास में स्नान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इससे शारीरिक राेग, पापाें इत्यादि का क्षय हाेता है। भगवान विष्णु प्रसन्न हाेते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
महंत ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान का बड़ा महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को साै अश्वमेध यज्ञ करने का फल मिलता है। इस दिन स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी पाप धुल जाते हैं। इसलिए इस दिन सरयू, गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने की विशेष महिमा है। कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन सरयू, गंगा, यमुना, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में स्नान कर दीप जलाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। यह भी कहा जाता है कि इस दिन दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है एवं जीवन में सुख-शांति आती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप और श्री सूक्त का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा इस दिन मंदिर या गरीब लोगों में दान जरूर करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर दान का भी बड़ा महत्व है। इस दिन हर कोई अलग-अलग दान करता है। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन सफेद चीज दूध, दही, घी, शक्कर, चावल का दान करना काफी शुभ माना गया है। ठंड के मौसम में घी का दान करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। साथ ही शुक्र के शुभ प्रभाव से जातक के धन में वृद्धि होती है।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय