स्वच्छता सभी का सामाजिक दायित्वः आनंदीबेन पटेल
अयोध्या, 29 नवम्बर (हि. स.)। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के सफलतापूर्वक आयोजन पर छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वच्छता सभी का सामाजिक दायित्व है । शिक्षा और ज्ञान के सही मायने आप सभी को सिद्ध करना होगा। भारत को आजादी के 100 वर्षों में एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य पूर्ण करना है। यह मार्ग तभी प्रशस्त होगा जब युवा पीढ़ी शिक्षा के उचित मार्ग का चयन कर उस पर आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि समाज में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। भारत के कृषि प्रधान राष्ट्र है यहां के विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को सही दिशा में ले जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात राज्य में एक बेहतर जल प्रबंधन से जलापूर्ति सुनिश्चित हो पाई और लम्बे समय के बाद गुजरात राज्य टैंकरराज से मुक्त हो सका है। यह तभी संभव हो पाया जब एक व्यापक जल नीति तैयार कर नर्मदा नदी के डैम की ऊचाई को बढ़ाने के साथ-साथ सिचाई परियोजनाओं को सही क्रम में विकसित किया गया है।
समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि सरदार सरोवर डैम पर व्यापक योजनाओं का परिणाम इस प्रकार दिखाई पड़ा कि गुजरात राज्य जल संकट से मुक्त हो गया।
समारोह में राज्ययपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर ऐसा कार्य करना है जिससे समाज के सभी वर्गों के जीवन स्तर में व्यापक स्तर पर सुधार हो। उन्होंने कहा कि अभी हम सभी को कार्यप्रणाली में सुधार कर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य करने की संस्कृति विकसित करनी है। शिक्षण संस्थानों को समाज के सर्वांगीण विकास पर जोर देने के लिए क्रमबद्ध शोध कार्य पर पारदर्शी शोध नीति मार्ग पर आगे चलने की आवश्यकता है।
कुलाधिपति ने छात्रों से कहा कि स्वच्छता का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और यह सभी का प्राथमिक दायित्व है कि स्वच्छता और स्वास्थ के प्रति सजग और सतर्क रहे। स्वच्छता सरकार का ही विषय नही है यह सभी का सामाजिक दायित्व भी है। कुलाधिपति ने अपने उद्बोधन के अंत में छात्रों को दायित्वों बोध का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि शिक्षा के साथ संस्कृति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। माता-पिता की सेवा करें उनका आदर करें कभी भी उनके प्रति उपेक्षा का भाव प्रकट न करें यही आपकी संस्कृति है।
पवित्र अयोध्या की भूमि बौद्धिक सभ्यता एवं संस्कृति की विरासतः डाॅ0 अफरोज अहमद
विवि के 28 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के सदस्य डाॅ0 अफरोज अहमद ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम कण-कण में बसते हैं। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक, बौद्धिक सभ्यता की विरासत के साथ यह पवित्र भूमि अयोध्या मेरे सहित अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक रही है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में, मुझे शैक्षणिक क्षेत्र से परे अपने ज्ञान क्षितिज के विस्तार का अनुभव करने का सौभाग्य मिला। प्रभु श्री राम के मूल्यों और सिद्धांतों में गहराई से निहित विश्वविद्यालय के लोकाचार ने मुझमें समाज के प्रति कर्तव्य की गहरी भावना पैदा की। उन्होंने कहा कि अयोध्या धार्मिक महत्व के साथ-साथ हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, हमारी सामूहिक चेतना का प्रमाण है। प्रभु श्री राम की शिक्षाओं ने पर्यावरण वैज्ञानिक, नौकरशाही और न्यायपालिका में मेरे करियर के प्रति मेरे दृष्टिकोण को आकार दिया है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं है बल्कि यह एतिहासिक, सांस्कृतिक एवं हमारे मूल्यों, परंपराओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह हमारे स्वर्णिम अतीत का एक प्रमाण है। प्रभु श्री राम की आध्यात्मिक दिव्य जीवन शैली है जो अभी भी मुझे स्पष्ट विजन और दृढ़ विश्वास के साथ पर्यावरण एवं मानवता की बेहतरी के लिए काम करने की यात्रा में मार्गदर्शन करती हैं।
विद्यार्थी जीवन का उपयोग ज्ञान, संस्कार, संस्कृति और मानवीय मूल्यों की सिद्धि में करेंः कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल
दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने बताया कि सत्र 2022-23 में विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न उपाधियों के लिए अन्तिम वर्ष की परीक्षा में 225150 विद्यार्थी सम्मिलित हुए जिसमें से 217496 अभ्यर्थी सफल रहे। इस परीक्षा में छात्राओं का उत्तीर्णता 55 प्रतिशत है। इन सफल विद्यार्थियों की उपाधियाँ आज आपके कर कमलों से, भारत सरकार के डिजिटल लॉकर में ई-प्रमाणपत्र के रूप में उपलब्ध करायी जा रही हैं। आज के दीक्षान्त समारोह में सम्बन्धित पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंकों से प्राप्त करने वाले 123 स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ताओं में से 79 अर्थात् लगभग 64 प्रतिशत छात्राएं हैं। विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने सत्र 2022-23 में विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 06 स्वर्ण और 05 रजत और 10 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं।
कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने ‘अनुभूति एक प्रयास‘ के माध्यम से छात्रों को वृद्धाश्रमों से जोड़ने का कार्य किया है। इससे युवा वर्ग में समाज के बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना तथा सेवा भाव जागृत होगा। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय ने जैविक खाद प्लांट तथा औषधीय वाटिका का निर्माण किया है ।
दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ वन्दे मातरम से किया गया। इसके पश्चात कुलाधिपति, मुख्य अतिथि एवं कुलपति द्वारा जल भरों के तहत घड़ा में जल भरने का कार्य किया गया। इसके बाद छात्र-छात्राओं द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति द्वारा भारत सरकार के डिजीलाकर में 217496 उपाधियों को समावेश किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 संत शरण मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 अंजनी कुमार मिश्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर प्रेम भूषण गोयल, भातखंडे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 माण्डवी सिंह, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, महंत रामदास, वित्त अधिकारी पूर्णेन्दु शुक्ला, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उप कुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य, डाॅ0 रीमा श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद, विद्यापरिषद सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं उपाधिधारक मौजूद रहे।
राज्यपाल ने बाल प्रोत्साहन में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को बाटे किट एवं फल
28 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन द्वारा में प्राथमिक विद्यालय के 30 बच्चों को स्कूल बैग व फल की टोकरी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त प्राथमिक के बच्चों के वितरण के लिए 200 स्टोरी बुक शिक्षकों को उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम में कुलाधिपति ने 20 आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चों के लिए किट प्रदान किया गया।
समारोह में स्मारिका एवं अयोध्या एक सुखद यात्रा का विमोचन राज्यपाल द्वारा किया गया
दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल द्वारा राज्यपाल एवं मुख्य अतिथि डाॅ0 अफरोज अहमद का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय की स्मारिका एवं अयोध्या एक सुखद यात्रा का विमोचन कुलाधिपति द्वारा किया गया। वही कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की ओर से ‘अनुभूति एक प्रयास‘ पुस्तक भेट की।
हिन्दुस्थान समाचार /पवन पाण्डेय
/बृजनंदन