सामाजिक समरसता से ही मजबूत होगा राष्ट्र

 


-महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि मनायी गयी

लखनऊ, 12 सितम्बर (हि.स.)। ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर गुरूवार को स्वामी हरिचरण दास आश्रम, जगत कुटी नाका हिन्डोला में सामाजिक समरसता क्या? क्यों और सद्भाव कैसे विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अतिथियों द्वारा महंत अवैद्यनाथ के चित्र पर पुष्पार्चन के बाद गोष्ठी प्रारम्भ हुई।

मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए राष्ट्रधर्म के प्रभारी निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सामाजिक समरसता का मूल उद्देश्य हिन्दू समाज के ​बीच भाईचारा सदभावना और अपनत्व का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि किसी के साथ जात-पांत व भाषा के आधार पर भेदभाव करना नहीं, बल्कि उनके साथ मिलजुल कर चलने से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा।

सर्वेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ छुआछूत पर बिल्कुल विश्वास नहीं करते थे। वे सभी जाति के लोगों के साथ समानता का व्यवहार करते थे। सामाजिक समरसता उनके रग-रग में थी।

राष्ट्रीय एकता मिशन के प्रमुख स्वामी मुरारी दास ने कहा कि समाज से अस्पृश्यता को जड़मूल से उन्मूलन कर हमें सशक्त राष्ट्र बनाने की आवश्यकता है। सामाजिक समरसता का अर्थ है कि जाति व वर्ण से ऊपर उठकर पूरे समाज को एक कुटुम्ब के रूप में साथ लेकर चलने को ही समरसता कहेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के मुख्य मार्ग प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना से संगोष्ठी की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि सामाजिक समरसता का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के प्रति स्नेह, विश्वास, सामंजस्य, सम्मान तथा सभी के साथ समान व्यवहार को ही सामाजिक समरसता के रूप में हम देखते हैं।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राजेश सिंह सेंगर ने कहा कि सामाजिक समरसता से मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा। अंग्रेजों ने हमारी सामाजिक व्यवस्था को नष्ट करने का काम किया। हमें मूल संस्कृति से षड़यंत्रपूर्वक काटा गया।

इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह संयोजक मोहम्मद इस्लाम अब्बास, वरिष्ठ अधिवक्ता विनय शाही, डा.सत्येन्द्र त्रिपाठी, डा. सर्वजीत सिंह व डा.संतोष तिवारी ने अपना विचार रखे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव