कार्तिक पूर्णिमा को पंचनद में एक लाख श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना
- 26 नवंबर की शाम महाआरती के बाद 27 को बृह्ममुहूर्त से स्नान प्रारंभ
औरैया, 21 नवम्बर (हि.स.)। बुंदेलखंड के विख्यात जनपद जालौन, औरैया और इटावा की सीमा पर स्थित पांच नदियों यमुना-चंबल, सिंध, पहूज और क्वांरी के पवित्र महा संगम पंचनद धाम संगम पर स्नान पर्व एवं मेला 27 नवंबर से शुभारंभ होगा। इससे पूर्व 26 नवंबर की शाम यमुना महाआरती का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए पंचनद संगम तट पर वैदिक कालीन आश्रम एवं श्री मुकुंदबन बाबा साहब मंदिर के महंत सुमेरबन ने मंगलवार को बताया कि पंचनद संगम में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान की परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। इस तिथि पर वैदिक काल से ही ऋषि, राजा, महाराजा एवं लाखों श्रद्धालु पंचनद के पवित्र जल में स्नान करके अपने जीवन को धन्य करते रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि पंचनद पर कार्तिक पूर्णिमा को स्नान करने से मनुष्य को जरा अवस्था (वृद्धावस्था) से होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है एवं प्राणी मात्र को जन्म मृत्यु के चक्कर से भी मुक्ति मिल जाती है। इस वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा का शुभारंभ 26 नवंबर की शाम 06.15 बजे से हो रहा है, जो दूसरे दिन 27 नवंबर सोमवार को अपराह्न 2:17 बजे तक रहेगी। अतः पंचनद पर पूर्णिमा को होने वाली यमुना महाआरती 26 नवंबर शाम 6:00 बजे होगी तदोपरांत 27 नवंबर सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः 3:00 बजे से स्नान प्रारंभ हो जाएगा। सोमवार पूर्णिमा को होने वाला स्नान दोपहर के उपरांत अपराह्न 2:17 बजे तक चलता रहेगा। इसके बाद होने वाला स्नान सामान्य पंचनद स्नान संगम होता रहेगा।
गोलोकवासी जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के कृपा पात्र एवं दंडी आश्रम कानपुर के महंत/प्रबंधक स्वामी उदितानंद जी महाराज ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूरे भारत में सनातन धर्मावलम्बी दिन में व्रत रखकर पूजा पाठ करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है। उसमें पंचनद संगम में स्नान करने से समूल पापों का क्षय होता है एवं अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर पंचनद संगम में यमुना जी के जल में स्नान का बहुत अधिक महत्व है। उदितानंद जी के अनुसार इस बार कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर रविवार को दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी। इस तिथि का समापन 27 नवंबर दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर सोमवार को होगी। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान होगा तथा 27 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 03 बजे से ही कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान प्रारंभ हो जाएगा। उस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 3.05 बजे से सुबह 05 बजकर 59 मिनट तक है। ब्रह्म मुहूर्त से दिन भर कार्तिक पूर्णिमा का स्नान-दान चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील /मोहित