चंबल संग्रहालय गाेरखपुर में काकाेरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह का करेगा आयोजन, तैयारी अंतिम चरण में

 


- गोरखपुर नगर निगम का सदन सभागार और सेंट एंड्रयूज कॉलेज का असेंबली सभागार एतिहासिक आयोजन का बनेगा गवाह

औरैया, 29 जुलाई (हि.स.)। काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह का दो दिवसीय आयोजन आने वाले 8-9 अगस्त को नगर निगम सदन सभागार और सेंट एंड्रयूज कॉलेज गोरखपुर में होने जा रहा है। चंबल संग्रहालय, पंचनद की ओर से इसका आयोजन किया जाएगा। समारोह में काकोरी केस के नायकों से संबधित पत्रों, डायरी, टेलीग्राम, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकों, तस्वीरों, मुकदमें की फाइल आदि की प्रदर्शनी के साथ, सेमिनार, फिल्म प्रदर्शन, किस्सागोई, नाटक, रैली, क्विज, रंगोली, पेंटिग और भाषण प्रतियोगिता के साथ-साथ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाएंगे। इसके जरिए आजादी आंदोलन के स्वर्णिम इतिहास से नई पीढ़ी रूबरू होगी।

महुआ डाबर एक्शन के महानायक के वंशज और चंबल संग्रहालय के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना ‘काकोरी एक्शन शताब्दी समारोह’ की तैयारियों के सिलसिले में गोरखपुर जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान दो दशक से अधिक समय से भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन पर काम करने वाले दस्तावेजी लेखक डॉ. शाह आलम राना ने साेमवार काे कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष शुरू होने में बस चंद दिन बचे हैं। हमने साल भर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह’ को यादगार बनाने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार और संबंधित मंत्रालयों से भी तीन महीने पहले अनुरोध किया था। फिर भी चंबल संग्रहालय अपने स्तर से हमख्याल मित्रों और सुधीजनों के श्रम और आर्थिक सहयोग से शताब्दी वर्ष का शुभारंभ गोरखपुर से कर रहा है। काकोरी केस के नायकों से जुड़े अन्य स्थानों अयोध्या, गोण्डा, शाहजहांपुर, बरेली, फर्रूखाबाद, कानपुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, औरैया, मुरैना, मेरठ आदि विभिन्न शहरों में समारोह आयोजित करने के बाद 7-8 अगस्त 2025 को सूबे की राजधानी लखनऊ में इसका भव्य और ऐतिहासिक समापन होगा।

गोरखपुर से है काकोरी केस के रणबांकुरों का जुड़ाव

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के आर्मी विंग के सेनापति पं. राम प्रसाद बिस्मिल को काकोरी षड्यंत्र केस में ‘चीफ कोर्ट आफ अवध जजमेंट’ 6 अप्रैल 1927 के फैसले में मृत्युदंड की सजा मिली। लखनऊ जिला जेल से ट्रांसफर कर गोरखपुर जेल के कोठरी न. आठ में बिस्मिल रखे गए। फांसी पर झूलने से महज तीन दिन पहले जेल अधिकारियों नजर बचाकर लिखी उनकी आत्मकथा विश्व की सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा मानी जाती है। 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में ‘मैं ब्रिटिश साम्राज्य का विनाश चाहता हूं’ गरजते हुए बिस्मिल ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। ग्वालियर राज्य से रामप्रसाद बिस्मिल के साथ हथियारों का जखीरा लाने में सहयोग करने वाली उनकी बहन शास्त्री देवी का भी स्वतंत्र भारत में गोरखपुर के बिस्मिल भवन में आना-जाना बना रहा।

महान क्रांतिवीर और विचारक शचीन्द्र नाथ सान्याल का नाता गोरखपुर से भी रहा है। शचीन्द्र दा ने बनारस षड्यंत्र केस और काकोरी षड्यंत्र केस में दो बार आजन्म कारावास की सजा भोगी। हमारे सामने वे एक ऐसे प्रकाश स्तंभ हैं जिन्होंने अपने जीवन के 50 वर्ष में से 20 वर्ष जेल में नारकीय जीवन बिताया। इनके सबसे छोटे भाई भूपेन्द्रनाथ सान्याल को काकोरी केस में भी 5 वर्ष की कड़ी कैद हुई थी। शचीन्द्र दा के भाई रवीन्द्रनाथ सान्याल भी बनारस षड्यंत्र केस में कैद व नजरबंद रहे तो वहीं उनके भाई जितेन्द्रनाथ सान्याल सरदार भगत सिंह के साथ लाहौर षड्यंत्र केस में 2 वर्ष जेल में रहे। गोरखपुर कचहरी के पास रविन्द्र नाथ सान्याल का मकान था इसी घर में शचीन्द्रनाथ सान्याल देवली कैम्प से बीमारी की हालत में नजरबंदी से छूटकर आने के बाद 6 फरवरी 1943 को आखिरी सांस ली। रविन्द्र नाथ सान्याल गोरखपुर के चर्चित सेंट एंड्रूज कालेज में शिक्षक रहे और इसी कालेज में शचीन्द्रनाथ दा के पुत्र रंजीत सान्याल और पुत्री अंजली सान्याल ने पढ़ाई की है।

9 अगस्त 1925 को लखनऊ में हुए काकोरी ट्रेन एक्शन की तर्ज पर बाद में 23 मार्च 1942 को सरदार भगत सिंह की पार्टी को चलाने के लिए गोरखपुर के सहजनवां में ट्रेन डकैती हुई थी जिसमें 12 हजार रूपये क्रांतिकारियों के हाथ लगे थे। काकोरी एक्शन शताब्दी समारोह गोरखपुर में 8-9 अगस्त 2024 को सेंट एंड्रयूज पीजी कॉलेज गोरखपुर में आयाेजित किया जाएगा।

कार्यक्रम का विवरण - आठ अगस्त पहला दिन

प्रातः 8 बजे गोरखपुर जेल में स्थापित शहीद रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की प्रतिमा पर माल्यार्पण।

प्रातः 10 बजे विभिन्न विद्यालयों और कालेज के छात्र-छात्राओं की पेंटिग प्रतियोगिता।

विषय- आजादी के मतवाले।

विभिन्न विद्यालयों और कालेज के छात्र-छात्राओं की रंगोली प्रतियोगिता।

विषय-सिनेमा और भारत के शहीद।

पूर्वाह्न 11 बजे काकोरी केस से संबंधित दुर्लभ दस्तावेजों, पत्रों, तस्वीरों, टेलीग्राम, मुकदमें की फाइल, पुस्तक आदि की प्रदर्शनी।

दोपहर 12 बजे- उद्घाटन समारोह।

देशभक्ति सामूहिक लोक नृत्य-गायन की प्रस्तुति।

अतिथियों का स्वागत।

सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलन, देश भर से आये हुए विशिष्ट जनों के संदेशों का पाठ।

अपराह्न 2 बजे भोजन।

अपराह्न 2.30 सम्मेलन- काकोरी केस के नायकों का देश।

सायं 4.30 सांस्कृतिक संध्या और किस्सागोई।

दूसरा दिन

प्रातः 10 बजे काकोरी केस से संबंधित दुर्लभ दस्तावेजों, पत्रों, तस्वीरों, टेलीग्राम, मुकदमें की फाइल, पुस्तकों आदि की प्रदर्शन।

प्रातः11 बजे देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम।

प्रातः 11.30 बजे प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता।

विषय- भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का इतिहास।

अपराह्न 2 बजे भोजन।

अपराह्न 2.30 बजे सेमीनार- युवाओं की नजर में आजादी के मायने।

सायं 4.45 बजे काकोरी शताब्दी वर्ष में विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम कमिश्नर को ज्ञापन।

सायं-5 समापन समारोह और प्रतिभागियों को प्रमाण प्रत्र वितरण।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार / मोहित वर्मा