गोर्वधन पूजा सहित बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन सुन भावविभोर हुये श्रोता

 


औरैया, 18 नवम्बर (हि. स.)। अजीतमल ब्लाक क्षेत्र के ग्राम बिरूहूनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य श्याम जी द्विवेदी ने गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के नामकरण और पूतना वध के साथ माखनचोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए।

कथावाचक श्याम जी द्विवेदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। प्रसंग में बताया गया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ।

इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान देव दत्त दुबे ,अमर सिंह परिहार ,सुधीर शुक्ला ,कव्यास त्रिपाठी , देवांश उत्तम शुक्ला सहित कई भक्त मौजूद थे ।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील/पदुम नारायण