अशोक कुमार वर्मा ने ग्रहण किया उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का कार्यभार

 


प्रयागराज, 29 जून (हि.स.)। भारतीय रेलवे भंडार सेवा के अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने शनिवार को उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले वर्मा 05 जनवरी 2024 से केंद्रीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन, (कोर) प्रयागराज के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।

अशोक कुमार वर्मा 1987 बैच के अधिकारी हैं और उन्होंने विभिन्न पदों पर भारतीय रेलवे की सेवा की है। भंडार से सम्बंधित मुद्दों में उनके विशाल अनुभव के अलावा, उन्हें सामान्य प्रशासन में भी कार्य का व्यापक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने उत्तर पश्चिम रेलवे में प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक, दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलुरु मंडल के मंडल रेल प्रबंधक और उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने पहले रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक रेलवे स्टोर के रूप में भी काम किया है।

श्री वर्मा ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री और आईआईएम कोलकाता से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड मैटेरियल मैनेजमेंट से पब्लिक प्रोक्योरमेंट (बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में पब्लिक प्रोक्योरमेंट) में डिप्लोमा और नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी से अल्टर्नेट डिस्प्यूट रिज़ोल्यूशन मेकैनिज़्म में पीजी डिप्लोमा किया है।

शनिवार को औपचारिक रूप से उत्तर मध्य रेलवे में कार्यभार संभालने के बाद श्री वर्मा ने सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों एवं सभी मंडल रेल प्रबंधक संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बैठक उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताईं। कहा कि रेलवे की कार्यप्रणाली में समय पालन और संरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मापदंड हैं। उन्होंने सभी संरक्षा नियमों और सावधानियों को बार-बार दोहराने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि कार्यस्थल पर संरक्षा और कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

बैठक के दौरान महाप्रबंधक ने जोन में चल रहे स्टेशन पुनर्विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने परियोजनाओं के बारे में विस्तृत पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन देखने के बाद कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान समुचित योजना बनाई जानी चाहिए। संरक्षा, यात्री सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्यों की योजना बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कार्य उचित विचार-विमर्श के बाद और ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप किए जाने चाहिए। इस अवसर पर सभी अधिकारियों ने अपना परिचय भी दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम