लोहिया संस्थान में एंटी-रेबीज क्लीनिक का शुभारम्भ हुआ
लखनऊ, 27 मई (हि.स.)। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अब जानवरों के काटने के पीड़ित लोगों को परामर्श, ओपीडी परामर्श व एंटी-रेबीज टीकाकरण की सेवा उपलब्ध होगी। संस्थान के निदेशक डा. सीएम सिंह ने कमरा नंबर 32, ग्राउंड फ्लोर, हॉस्पिटल ब्लॉक में क्लीनिक का शुभारम्भ किया। उद्घाटन के बाद रेबीज नियंत्रण पर हालिया अपडेट पर एक सीएमई का आयोजन किया गया।
प्रोफेसर (डॉ.) सीएम सिंह ने कहा कि रेबीज 100 प्रतिशत घातक ज़ूनोटिक बीमारी है। विश्व स्तर पर हर दिन हर 9 मिनट में रेबीज़ के कारण एक मौत होती है। किसी जानवर के काटने के बाद घाव को धोना, समय पर परामर्श और टीकाकरण का पूरा कोर्स करना इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भविष्य में वयस्क टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के लिए क्लिनिक की सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।
डीन - प्रोफेसर (डॉ.) प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि क्लिनिक के उद्घाटन से इस 100 प्रतिशत घातक बीमारी पर शोध के रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने रेबीज नियंत्रण के आवश्यक पहलुओं को कवर करने वाली सीएमई के लिए सामुदायिक चिकित्सा विभाग को बधाई दी।
डॉ. एस डी कांडपाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर रेबीज से होने वाली मौतों का एक तिहाई हिस्सा भारत का है। जानवरों के काटने के कई मामले अज्ञानता के कारण रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं। क्लिनिक टीकाकरण सेवाओं के अलावा जनता में जागरूकता बढ़ाने और रेबीज मुक्त लखनऊ पहल में योगदान देगा।
एंटी रेबीज क्लिनिक के नोडल अधिकारी डॉ. मनीष कुमार सिंह ने रेबीज के लिए पोस्ट और प्री एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस पर बात की। उन्होंने कहा कि जानवर के काटने से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को घाव को कम से कम 15 मिनट तक बहते पानी के नीचे साबुन से अच्छी तरह से धोना चाहिए और तुरंत टीकाकरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम एक मॉडल रेबीज क्लिनिक विकसित करना चाहते हैं और इसे रेबीज प्रशिक्षण, अनुसंधान और जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य नोडल साइट के रूप में विकसित करने के लिए सेवाओं का विस्तार करना चाहते हैं।
संचारी निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. पंकज सक्सेना ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान राज्य में 45 लाख से अधिक जानवरों के काटने की घटनाएं हुईं, जिनमें से 38.29 लाख काटने की घटनाएं केवल कुत्तों द्वारा की गईं, जिनमें ज्यादातर आवारा कुत्ते थे और चार की मौत रेबीज के कारण हुई।
लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि मनुष्यों में रेबीज का 99 प्रतिशत संचरण कुत्तों द्वारा होता है, इसलिए कुत्तों में एंटी रेबीज टीकाकरण और कुत्तों की जनसंख्या प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर सीएम एस-प्रो.ए.के. सिंह, डॉ. एस डी कांडपाल एचओडी सामुदायिक चिकित्सा विभाग, मीना जौहरी, पीआरओ एवं निमिषा सोनकर उपस्थित रहीं।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/मोहित