कैप्टन विक्रम बत्रा के सर्वोच्च बलिदान की मनाई गई 25वीं वर्षगांठ

 


प्रयागराज, 07 जुलाई (हि.स.)। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, गया ने 2 से 7 जुलाई तक कैप्टन विक्रम बत्रा, पीवीसी के सर्वोच्च बलिदान की 25वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर अधिकारियों, जेसीओ, ओआर, रक्षा नागरिक कर्मचारियों और अकादमी के अधिकारी कैडेट के बीच देशभक्ति का उत्साह बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों की एक शृंखला आयोजित की गई।

यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी शान्तनु प्रताप सिंह ने देते हुए बताया कि रविवार को कैप्टन विक्रम बत्रा, पीवीसी के सर्वोच्च बलिदान के 25वीं वर्षगांठ की शुरुआत युद्ध स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद ऑपरेशन विजय के प्रतिष्ठित युद्ध नायक को समर्पित अकादमी की बत्रा ट्रेनिंग बटालियन में बत्रावॉल और कॉर्नर का उद्घाटन उनके पिता गिरधारी लाल बत्रा ने किया। दीवार में कप्तान विक्रम बत्रा के प्रसिद्ध उद्धरण, उनके बचपन के दिनों की तस्वीरों, परमवीर चक्र के पुरस्कार का साइटेशन और उनके द्वारा लिखे गए व्यक्तिगत पत्रों की प्रतियां शामिल हैं।

इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, एसएम (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिन्हास, एवीएसएम, कमांडेंट, ओटीए, गया, विशाल बत्रा, मुकेश खेत्रपाल और सम्पूर्ण ओटीए गया परिवार उपस्थित थे। बत्रावॉल कैप्टन विक्रम बत्रा की पहले कभी न देखी गई तस्वीरों और कहानियों को दर्शाती है “ये दिल मांगे मोर“ प्रसिद्धि के वीर शहीद के वीरतापूर्ण कार्यों को समाहित करता है और भविष्य के सैन्य अफसरों के लिए प्रेरणा के स्रोत और मार्गदर्शक बीकन के रूप में कार्य करेगा।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, एसएम (सेवानिवृत्त), ऑपरेशन विजय के दौरान 13वीं बटालियन, जम्मू और कश्मीर राइफल्स के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन विक्रम बत्रा के गौरवान्वित पिता गिरधारी लाल बत्रा, विशाल बत्रा, कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वां भाई और मुकेश खेत्रपाल मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम