अंधेरगर्दीः सात दिन में गोशाला से गायब हो गए सैकड़ों गौवंश
- गोशाला में जानवरों के लिए नहीं की जा रही चारे की व्यवस्था, दुधारू गौवंश का बेचा जा रहा दूध
- नगर पंचायत की कान्हा गोशाला की पोल खुलने पर चेयरमैन व पशुपालन विभाग आए आमने सामने
हमीरपुर, 29 मार्च (हि.स.)। सुमेरपुर कस्बे में संचालित कान्हा गौशाला में एक सप्ताह में 400 गोवंश के अचानक लापता होने सहित अन्य आरोपों को लगाकर पशुपालन विभाग व नगर पंचायत अध्यक्ष शुक्रवार को आमने सामने आ गये हैं। पशुपालन विभाग ने एक सप्ताह से भूसा न होने के कारण गोवंशों के भूखे मरने के आरोप लगाये तो नगर पंचायत अध्यक्ष बचाव में उतरकर गोवंश के मरने का सारा ठीकरा पशुपालन विभाग पर लगा रहे हैं।
पशुपालन विभाग के मुताबिक कस्बे के कान्हा गौशाला के अभिलेखों में 670 गोवंश संरक्षित है। लेकिन एक सप्ताह में यह 400 से अधिक लापता हो गया है। पशुपालन विभाग का आरोप है कि गौशाला में संरक्षित गोवंश को नियम विरुद्ध प्रतिदिन बाहर निकाला जाता है। पशुपालन विभाग के अनुसार 22 गोवंश दुधारू हैं। इन गोवंशों का दूध निकालकर बाजार में बेच रहे हैं। जबकि चौकीदार का कहना है कि चेयरमैन के पिता दूध अपने घर ले जाते हैं। जिससे इनके बच्चे दूध न मिलने से भूख से तड़प रहे हैं।
पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अंकुर सचान का कहना है कि कान्हा गौशाला में इस समय महज 250 गोवंश बचे हैं। भूसा एक सप्ताह से गायब है। गोवंश भूख से मर रहे हैं। गुरुवार की रात जब उन्होंने ठेकेदार से वार्ता करके भूसा भेजने का दबाव बनाया, तब कहीं जाकर शुक्रवार को सुबह भूसा आ सका है। उनका कहना है कि कान्हा गौशाला में ढेर सारी अव्यवस्थाएं हैं। इसके खिलाफ जब उन्होंने आवाज उठाई तो उनके ऊपर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं।
नगर पंचायत अध्यक्ष धीरेंद्र शिवहरे का आरोप है कि पशुपालन विभाग की लापरवाही से गौशाला में गोवंश दम तोड़ रहे हैं। सूचना देने के बाद यह उपचार करने नहीं आते हैं। अन्य आरोपों को उन्होंने निराधार बताते हुये कहा है कि भूसा पर्याप्त मात्रा में मौजूद होने की बात कही। साथ ही कहा कि चरवाहे गोवंश को चराने को भी ले जाते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/मोहित