सभी प्रसव अस्पतालों में हो ताकि जच्चा-बच्चा की उचित देखभाल हो सके : आनंदीबेन पटेल
—राज्यपाल ने 10 आंगनवाड़ी केंद्रों को दिया किट,कोडिंग दीदी तथा कोडिंग कैटरिंग योजना भी लॉन्च
वाराणसी, 01 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को आंगनवाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए किट वितरित किया। दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कचहरी स्थित कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में गेल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों को किट देने के बाद राज्यपाल ने आज हुए विभिन्न एमओयू के लिए सभी के प्रयासों को सराहा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इसका सुखद परिणाम भविष्य में सबको मिलेगा। पहले यह विभाग सरकारों की प्राथमिकता में नहीं रहता था, अधिकारियों पर कार्य थोपे जाते थे। आज का बच्चा कल का हमारा भविष्य है उसको आज हम ध्यान देंगे तभी कल के दिन वो भारत को विश्व गुरु बनाने मे मददगार साबित होगा। राज्यपाल ने 1998 में गुजरात के अपने मुख्यमंत्री के काल में किये प्रयासों को बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आईसीडीएस यूनिट व महिला बाल विकास विभाग अस्तित्व में आया तथा प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं धीरे-धीरे राष्ट्रीय पटल पर भी अस्तित्व में आई। राज्यपाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 12000 आंगनवाड़ी केंद्रों में इस प्रकार के साधन उपलब्ध हो चुके हैं।
उन्होंने मंच से इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिये वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म से पहले तथा जन्म के बाद अगर अच्छा रखरखाव तथा देखभाल मिले तो स्वास्थ्यगत समस्यायों को बहुत हद्द तक नियंत्रित किया जा सकता है। सभी प्रसव अस्पतालों में हो ताकि जच्चा-बच्चा की उचित देखभाल जन्म के समय हो सके। उन्होंने समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव का उल्लेख किया।
आनंदीबेन पटेल ने बताया कि इन प्रकार के किट वितरण से स्लो लर्नर वाले बच्चों की पहचान की जा सकती है तथा समय से उनका उचित देखभाल कर उनको अच्छे बच्चों की श्रेणी में लाया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए शुरुआती जांच को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसका एक एम ओ यू आज लखनऊ में हुआ है जिसमें भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड के सहयोग से गांव-गांव जांच होगी। जिसका लाभ महिलाओं को मिलेगा। उन्होंने विभिन्न कंपनियों को अपने सीएसआर का इस्तेमाल महिलाओं व बच्चियों के लिये खर्च करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख महिलाओं में कैंसर की बीमारी है। जिसको रोकने के लिए हमें जल्दी चिन्हित करने के लिए जांच कराना चाहिए। महिलाओं के प्रति धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है बच्चियां अब अपने कैरियर के प्रति सचेत रहते हुए आगे बढ़ रही हैं।
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने राज्यपाल के इस दिशा में लगातार प्रयासों को बताया। प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने महिलाओं, माताओं, बच्चों सबकी सुध लेने पर राज्यपाल का आभार जताया । कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने भी विचार रखा।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने वाराणसी प्रशासन के लगातार सहयोग पर और राज्यपाल के प्रति आभार जताया। सीडीओ ने बताया कि गेल इंडिया लिमिटेड की ओर से आज 500 केंद्रों पर किट का वितरण सुनिश्चत किया गया । पूर्व में भी 715 केंद्रों को भी किट वितरित किया जा चुका है। अब तक 1419 केंद्रों का कायाकल्प किया जा चुका है। 2500 केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित की गयी है। विभिन्न स्वास्थ्य प्रयासों के परिणामस्वरूप चिन्हित 25000 बच्चों में 9000 को पूरी तरह ट्रीटमेंट देकर सही किया जा चुका है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति को 45फीसदी से बढ़कर 80 फीसदी पहुँच चुकी है। जिसको शत प्रतिशत करने के लिए लगातार प्रशासनिक प्रयास चल रहा है।
—पोषण ट्रैकर पर पिछले एक वर्ष से वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर
सीडीओ ने बताया कि पोषण ट्रैकर पर पिछले एक वर्ष से वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'डिजिटल दीदी' नाम से कोडिंग सिखाने की शुरुआत होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण