रसखान समाधि पर सांझी महोत्सव दूसरे दिन हुआ आकर्षक सांझियों का चित्रण, बनी ठनी नाट्य लीला का हुआ मंचन

 








मथुरा, 19 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद एवं जीएलए विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में महावन व गोकुल के मध्य स्थित महाकवि रसखान एवं ताज की समाधि स्थल पर अष्ट दिवसीय सांझी महोत्सव में दूसरे दिन सोमवार को ” बनी-ठनी नृत्य नाटिका” का मंचन किया गया जिसे देख स्थानीय लोगो के साथ बाहर से आये यात्री वाह वाह कर उठे।

गौरतलब हो कि उ०प्र० तीर्थ विकास परिषद द्वारा श्रीकृष्णभक्त रसखान एवं ताजबीबी उपवन महावन में रविवार शाम पहली बार सांझी महोत्सव आयोजित किया गया है। रविवार राजकीय संग्रहालय, मथुरा और ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सहयोग से विभिन्न प्रकार की जल सांझी, फूलों की सांझी, गोबर सांझी, केले के पत्तों की सांझी, कैनवास सांझी और रंगों की सांझी का प्रदर्शन किया गया। वहीं शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया।

सोमवार को रसखान सांझी महोत्सव के अंतर्गत रंग सांझी, फूलों की सांझी, जल के ऊपर सांझी व जल के नीचे सांझी के अतिरिक्त गोबर से सांझी का चित्रण किया गया। महोत्सव में सांझी कला पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी का भी प्रदर्शन ब्रज संस्कृति शोध संस्थान द्वारा किया जा रहा है।

एक प्रदर्शनी राजकीय संग्रहालय की ओर से भी लगाई गई है। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत समाज गायन में साँझी के पदों का गायन किशोरी शरण के नेतृत्व में गायकों ने किया। प्रथम बार भक्तकवि रसखान एवं ताज के समाधि परिसर में आयोजित होने वाले भव्य साँझी महोत्सव में संस्थान के साँझी कलाकार विश्वजीतदास, ब्रजगोपाल चित्रकार,मदन मोहन शर्मा,संजय सोनी ,कमलेश शर्मा व दीपाली कुलश्रेष्ठ अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के डिप्टी सीईओ पंकज वर्मा, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद्र शर्मा, ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मी नारायण तिवारी गीता शोध संस्थान वृंदावन के शोध समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के प्रकाशन विभाग के अधिकारी गोपाल शरण तीर्थ विकास परिषद के अधिकारी आरपीएस यादव के अलावा तमाम कलाकार और अतिथि मौजूद रहे।

उप्र पर्यटन, वृन्दावन के श्रीगोदा विहार मन्दिर स्थित ब्रज संस्कृति शोध संस्थान एवं राजकीय संग्रहालय मथुरा का विशेष सहयोग इस अष्ट दिवसीय भव्य सांझी महोत्सव में मिल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश