भगवान चित्रगुप्त की जयंती पर कायस्थ समाज ने निकाली भव्य शोभायात्रा

 


-विधि विधान से भगवान के साथ की कलम दवात की पूजा, मंत्र का लेखन किया

वाराणसी, 27 अक्टूबर (हि.स.)। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि (यम द्वितीया) पर गुरुवार को कायस्थ समाज ने अपने आराध्य भगवान चित्रगुप्त जी का विधि विधान से पूजन किया। भगवान चित्रगुप्त जी की जयंती पर उनकी कथा सुन हवन आरती के बीच कलम दवात की परम्परानुसार पूजा परिवार के साथ की। कहीं घरों में तो कहीं भव्य पंडाल में सामूहिक रूप से भगवान चित्रगुप्त जी के मंत्र का लेखन किया। इसमें महिलाओं के साथ बच्चों ने भी पूरे उत्साह और आस्था के साथ भागीदारी की।

यम द्वितीया पर परम्परानुसार कायस्थ समाज के लोगों ने अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अगुवाई में टाउनहाल मैदागिन से मिंट हाउस नदेसर स्थित स्वामी विवेकानंद मूर्ति तक शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा में भगवान चित्रगुप्त जी, शिव परिवार सहित विभिन्न झांकिया लोगों में आकर्षण का केन्द्र रही।

उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म में मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त जी संसार के सभी प्राणियों के पाप पुण्य का लेखा जोखा करते हैं। भगवान चित्रगुप्त का प्राकट्य यम द्वितीया के दिन ब्रह्मा जी की काया से हुआ है। चित्रगुप्त जी के वंशज कायस्थ कहलाते हैं। भगवान चित्रगुप्त जी की दो पत्नियां थीं पहली पत्नी सूर्य दक्षिणा नंदनी ब्राह्मण कन्या थी। दूसरी ऐरावती शोभावती नाग कन्या थीं। दोनों से कुल बारह पुत्र उत्पन्न हुए। माना जात है कि सभी इस पृथ्वी लोक में अपनी कलम से प्राणी मात्र की सेवा करते हैं।

टाउनहाल से निकली शोभायात्रा में प्रदेश के राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ’दयालु’ भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव, हिन्दू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी अम्बरीश सिंह भोला ने भी सहभागिता की।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर