बिठूर में उफनाई गंगा से डूबी ब्रह्मावर्त घाट की ब्रह्म खूंटी
- मान्यता है कि ब्रह्म खूंटी से ही संसार की हुई रचना
- गंगा किनारे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराया
कानपुर, 26 सितम्बर (हि.स.)। पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश के चलते हरिद्वार और नरौरा से पानी छोड़ने से गंगा नदी उफान पर आ गई हैं। कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बिठूर में ब्रह्मावर्त घाट पर ब्रह्म खूंटी गंगा में डूब चुकी है। मान्यता है कि भगवान ब्रह्म ने ब्रह्म खूंटी स्थान से ही संसार की रचना की है।
उफान पर चल रही गंगा नदी से गंगा किनारे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बताया गया है कि हरिद्वार से करीब 77546 क्यूसेक और नरौरा बांध से 72172 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके बाद से गंगा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर अब चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुका है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से ब्रह्मावर्त घाट पर स्थित ब्रह्मखूटीं डूब गयी और गंगा तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। ब्रह्म खूटी मन्दिर के पुजारी पंडित रामजी उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को गंगा नदी का प्रवाह बढ़ जाने से पानी मन्दिर के अंदर आ गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से नून नदी का पानी भी गंगा में नहीं जा पा रहा है। इससे गंगा किनारे स्थित बाकरगंज, रमेल नगर हिंगुपुर के अलावा ख्योरा कटरी, बनियापुरवा, दुर्गा पुरवा, मक्का पुरवा, भगवानदीन का पुरवा आदि गावों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा कटरी में खेती करने वाले किसान सुरेश निषाद ने बताया गंगा कटरी की फसल डूब रही है अगर इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा किनारे खेतों में खड़ी फसलें बाढ़ की चपेट में आ जाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार/महमूद