देश के 731 कृषि विज्ञान केन्द्र वर्ष 2024 को मनाएंगे स्वर्ण जयंती

 


कानपुर,04 अप्रैल (हि.स.)। पूरे देश में वर्ष 2024 को 731 कृषि विज्ञान केन्द्र स्वर्ण जयंती मनाएगा। 21 मार्च 1974 पुडुचेरी में देश का प्रथम केवीके स्थापित किया गया था। यह बात गुरुवार को स्वर्ण जयंती मनाने के लिए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव को मसाल देने के बाद कानपुर आईसीआर अटारी के निदेशक डॉक्टर एस.के.दुबे ने कही।

डॉ दुबे ने बताया की पुडुचेरी में कृषि विज्ञान केन्द्रों का स्वर्ण जयंती वर्ष का कर्टन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में महानिदेशक आईसीएआर डॉक्टर हिमांशु पाठक ने अपने संदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों की महत्ता व उपलब्धियां को सराहते हुए कहा कृषि विज्ञान केंद्र की भूमिका आने वाले वर्षों में देश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण जनपद स्तरीय कृषक केंद्रित एवं विज्ञान परक संस्था के रूप में अपनी जिम्मेदारी को निर्वहन का आवाहन किया।

इस अवसर पर उप महानिदेशक (कृषि प्रसार ) आईसीएआर डॉक्टर यू एस गौतम ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के 50 वर्ष की उपलब्धियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला कि देश के विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही साथ समय और स्थिति अनुरूप इन केन्द्रों के अध्यादेशों में भी बदलाव लाया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में पूरे देश में 731 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं। इस अवसर पर देश के 11 अटारी (कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान) के निदेशकों को एक मसाल सौंपा गया।जिसे उनके प्रदेशों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों तक पहुंचाने तथा केवीके के स्वर्ण जयंती वर्ष को एक कार्यक्रम के रूप में इन केंद्रों पर आयोजित करके वहां के विशेषज्ञों, किसान ग्रामीण युवाओं तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों की समक्ष परिचर्चा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसी कड़ी के तहत यह मसाल आज चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव को विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों पर स्वर्ण जयंती वर्ष मनाने के लिए यह मसाल सौंपी गई। डॉ यादव ने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर के वी के स्वर्ण जयंती वर्ष धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर इस अवसर पर अटारी के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस के सिंह एवं डॉ राघवेंद्र सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/बृजनंदन