सेना के अलंकरण समारोह में 58 विजेता व 64 यूनिट सम्मानित

 




-बहादुर एवं वीर सैनिकों के सम्मान में उत्तरी कमान का अलंकरण समारोह

प्रयागराज, 21 मार्च (हि.स.)। भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने रेड ईगल डिवीजन के तत्वावधान में वृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सैन्य स्टेशन में आयोजित अलंकरण समारोह में अपने वीर और प्रतिष्ठित 58 सैनिकों और 64 यूनिटों को सम्मानित किया। सभी पुरस्कार विजेताओं को उनकी बहादुरी, कर्तव्य के प्रति समर्पण और राष्ट्र के प्रति विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिन्द्र कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम बार, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ उत्तरी कमान ने भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को उनके निःस्वार्थ कर्तव्य परायणता से परे उनकी बहादुरी के लिए वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया। यूनिटों को राष्ट्र की विशिष्ट सेवा, बहादुरी एवं उनकी असाधारण कार्य और अद्वितीय उपलब्धियों के लिए जीओसी-आईएन-सी यूनिट प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए गये। समारोह के दौरान वीरता के लिए 45 सेना मेडल, विशिष्ट सेवा के लिए तीन सेना मेडल, एक युद्ध सेवा मेडल और 09 विशिष्ट सेवा मेडल सहित 58 पुरस्कार विजेताओं को मेडल प्रदान किए। इसके अलावा 64 यूनिटों को यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस दौरान जब प्रत्येक वीर सैनिक की अदम्य वीरता और अटूट साहस के बारे में पढ़ा गया, तो उपस्थित सभी लोगों का दिल गर्व और कृतज्ञता से भर गया।

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ़ ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और सभी रैंकों को सभी क्षेत्रों में अपना सर्वश्रेठ करने और भारतीय सेना के उच्च परम्पराओं और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ़ ने पुरस्कार विजेता सेवा कर्मियों को उनके कर्तव्यों के पालन में भरपूर समर्थन देने के लिए उनके परिवार के सभी सदस्यों के योगदान की सराहना की।

सेना कमांडर ने सभी पदों, पूर्व सैनिक कर्मियों और उनके परिवारजनों से राष्ट्र की सेवा में खुद को फिर से समर्पित करने को कहा। सेना कमांडर ने बाद में पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की और भारतीय सेना की उच्चतम परम्पराओं को बनाए रखने में अभूतपूर्व योगदान को स्वीकार किया।

उत्तरी कमान भारतीय सेना की सबसे सक्रिय कमान है तथा अपनी सबसे गम्भीर चुनौतियों और आतंकवाद के संकट का मुक़ाबला करने के प्रयासों में सबसे आगे है। इस प्रकार, उत्तरी कमान के सैनिक हमेशा चाहे आधिकारिक तौर पर शांति में हो या ऑपरेशन में सक्रिय रहते हैं और पूर्ण रूप से उत्तरी कमान के आदर्श वाक्य “हमेशा युद्ध में” का प्रतिनिधित्व करते हैं। समारोह में बड़ी संख्या में सैन्यकर्मी, नागरिक और पुरस्कार विजेताओं के गौरवान्वित परिजन शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम