संयोग : 24 साल बाद अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं
- अक्षय तृतीया को माना जाता हैं बिना पंचांग देखे शुभ कार्य संपन्न किए जाने वाला अबूझ महामुहूर्त
मुरादाबाद, 9 मई (हि.स.)। अक्षय तृतीय पर इस बार युगल जोड़े एक दूजे के नहीं हो पाएंगे। सात फेरे नहीं ले पाएंगे। ग्रह नक्षत्रों की दुनिया में 24 साल बाद ऐसा संयोग आया है जब अक्षय तृतीय को विवाह का मुहूर्त नहीं मिल रहा है।
श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार मुरादाबाद के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 10 मई को अक्षय तृतीया का महापर्व है। बिना पंचांग देखे शुभ कार्य संपन्न किए जाने वाला अबूझ महामुहूर्त अक्षय तृतीया को माना जाता है। लगभग 24 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब अक्षय तृतीया के दिन विवाह का विवाह मुहूर्त नहीं है। हालांकि अक्षय तृतीया को महामुहूर्त माने जाने से शुभ संस्कार संपन्न होंगे।
ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 10 मई को सुबह 5:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है। तृतीया तिथि 10 मई को सुबह 4:17 बजे से शुरू होगी। अगले दिन 11 मई को रात्रि 2 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी।
इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, सोने-चांदी के आभूषण, घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीदारी से सम्बंधित कार्य किए जा सकते हैं, कि इस अबूझ मुहूर्त की तिथि पर व्यापार आरम्भ, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, दान-पुण्य,पूजा-पाठ अक्षय रहता है अर्थात वह कभी नष्ट नहीं होता। इस समय गुरु और शुक्र अस्त हैं। सुखी वैवाहिक जीवन का कारक गुरु और शुक्र हैं। इसलिए इस बार अक्षय तृतीय पर विवाह का मुहूर्त नहीं है। यही वजह है कि इस बार विवाह नहीं होंगे। अन्य शुभ कार्य किये जा सकेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धनपति कुबेर की पूजा करते हैं। इनके आशीर्वाद से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। अक्षय तृतीया के दिन जौ या पीली सरसो खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस शुभ दिन पर जौ या पीली सरसो खरीदना सोना चांदी खरीदने के बराबर माना जाता है। अक्षय तृतीया पर जौ या पीली सरसों को घर पर लाने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/दिलीप