बिरसा मुंडा ने आदिवासी जनजातियों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया : राम नरेश गोंड
प्रयागराज, 15 नवम्बर (हि.स.)। भगवान बिरसा मुंडा एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक थे। इनकी शौर्य गाथाएं भारतीय इतिहास में अमिट चिन्ह के रूप में प्रस्तुत हैं। उन्होंने आदिवासी जनजातियों के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया एवं आदिवासियों को जागरूक करने के लिए आदिवासी संगठन की स्थापना की।
यह बातें अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा उप्र के तत्वावधान में धरती आबा आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा का 148वें जयन्ती समारोह में प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष राम नरेश गोंड ने सम्बोधित करते हुए कही। शिवाजी उद्यान मम्फोर्डगंज में उन्होंने जन समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा हम सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनसे हमें शिक्षा मिलती है कि एक संघर्षशील व्यक्ति किसी भी परिस्थिति का मुकाबला कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी एकजुट होकर अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा के लिए कार्य करते हुए स्वयं का विकास करें।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रदेश महामंत्री डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी समाजसेवी व वीर क्रांतिकारी थे। इनका जन्म गोंड आदिवासी समुदाय के मुंडा कुल में आज ही के दिन 1875 में हुआ था। बिरसा मुंडा महज 25 वर्ष की उम्र में ही आदिवासियों के शोषण के विरुद्ध अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने का निर्णय लिया। उन्होंने युवाओं को स्वावलम्बी बनने व अपने अधिकारों के लिए लड़ने का साहस दिया। डॉ. धर्मेन्द्र ने यह भी कहा कि आज बहुत बड़ी विडम्बना है कि वह सब कुछ जानते हुए अनभिज्ञ बन कर दूसरों की गुलामी में जीवन यापन कर रहा है। इन्हें चाहिए कि अपने पूर्वजों के बनाये हुए सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करें। यही हमारी सामाजिक एकजुटता का आधार है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय कुमार धुरिया, जितेन्द्र कुमार गोंड, चमन लाल गोंड, संजय कुमार धुरिया, विजय कुमार गोंड, विकास गोंड, विशाल गोंड, आजाद गोंड, दूधनाथ, अजय कुमार गोंड, अमित गोंड, पंकज गोंड, कुणाल राज गोंड, कुलदीप धुरिया आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दिलीप