शिक्षा से हमारे प्रगति का मार्ग प्रशस्त : प्रो. जया तिवारी
- ‘मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के अन्तर्गत 10वां प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रयागराज, 08 अप्रैल (हि.स.)। शिक्षा हमें संस्कार, आत्म मंथन, मानव कल्याण, राष्ट्र कल्याण और विश्व कल्याण की ओर ले जाती है। हमारे आचरण का निर्माण करती है। हमें आदर्श और यथार्थ की ओर ले जाती है। शिक्षा हमारे सपनों को साकार करती है। जैसे शरीर के लिए भोजन आवश्यक होता है वैसे समाज के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है। शिक्षा हमारे प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है।
यह बातें मुख्य वक्ता राजकीय डी.वी गर्ल्स पीजी कॉलेज, रायपुर छत्तीसगढ़ अंग्रेजी विभाग की प्रो. जया तिवारी ने मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेन्टर, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों, उपनिषदों, इतिहास, पुराण आदि में भरी पड़ी है। इसे सुनकर भी अर्जित किया जा सकता है। हमें किसी भी ज्ञान को विद्यार्थी रूप में स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने कहा किसी भी वस्तु को देखने के लिए नेत्र और विवेक का होना जरुरी है। आपका अपना लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित होने से हम सही दिशा में काम करेंगे। हमें व्यष्टि से समष्टि की ओर कार्य करना चाहिये। हमें सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय तथा जियो और जीने दो की भावना से काम करना चाहिए। तभी राष्ट्र का हित होगा।
इसके पूर्व भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के अन्तर्गत 10वें प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘ओरियेंटेशन एंड सेंसीटाइजेशन प्रोग्राम एंड एनईपी’ का उद्घाटन सोमवार को प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 आनंद शंकर सिंह ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षानीति कैसे हमको एक बहुआयामी दृष्टि दे रही है। इसी को समझने के लिए भारत सरकार ने एक शिक्षक प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया है। जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षित होकर हमारे शिक्षक अपने उद्देश्यों को पूरा करने में महती भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे।
संचालन व विषय प्रवर्तन कार्यक्रम संयोजक डॉ वेद प्रकाश मिश्रा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सहसंयोजक डॉ विवेक कुमार राय ने किया। इस अवसर एम.एम.टी.टी. सेंटर के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ मनोज कुमार दुबे के साथ महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ. धीरेन्द्र द्विवेदी, डॉ मान सिंह, भगत नारायण महतो, डॉ शिवजी वर्मा, डॉ अविनाश पाण्डेय, डॉ एकात्मदेव साहित देश के विभिन्न राज्यों से प्राध्यापक जुड़े रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित