कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाएगा वाराणसी के होनहारों का बनाया ये स्पेशल कोरोना अलर्ट डिवाइस
वाराणसी। ज़िले में सोमवार से कोरोना संक्रमण की सेकेण्ड वेव के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है, जिसमे वैक्सीनेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही साथ मास्क को भी आवश्यक किया गया है लेकिन उसके बावजूद ज़्यादातर जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों की धज्जियां कोरोना सक्रमण काल की प्रथम लहर के बाद से ही देखने को मिल रही है। ऐसे में वाराणसी में इनिजिनियरिंग के चार होनहार छात्रों ने एक स्मार्ट और स्पेशल कोरोना अलर्ट डिवाइस तैयार किया है जो ओवरक्राउड होने पर नज़दीकी थाने को सूचना देगा और अलार्म भी बजायेगा।
शहर के जाने माने अशोका इंस्टिट्यूट के बीटेक 4th ईयर के 3 छात्र शुभम मिश्रा, अभीष्ट सिंह, किशन पाल ने मिलकर एक डिवाइस कोरोना को फैलने से रोकने में मदद करेंगा उसे तैयार किया है। छात्रों ने इस डिवाइस को 'एंटी कोरोना ओवरक्राउड अलर्ट' का नाम दिया हैं l
इस सम्बन्ध में बात करते हुए छात्र अभीष्ट सिंह ने बताया कि अनलॉक में लोग बेतरतीब तरीके से शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा हाल, सभी छोटी- बड़ी मंडियों में पहुँचने लगते हैं , जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हमने एक डिवाइस बनायीं है जो इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखने में सहायक सिद्ध होगा। यह डिवाइस भीड़ इकट्ठा होने पर मंडियों का नाम, दुकान का नाम और लोकेशन के साथ नज़दीकी थाने और उच्चाधिकारियों को सूचित कर देगा।
छात्र शुभम मिश्रा ने बताया कि इस डिवाइस का साईज 2 से 3 फ़िट में हैं। इसको चार्ज कर के किसी भी शॉपिंग मॉल या भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लगा सकते हैं। इस डिवाइस के सेंसर का रेंज 1 से 4 मीटर हैं। इसके सेंसर के रेंज में यदि भिड़ इकट्ठी होती है, तो इस डिवाइस में सेट किये गये अधिकारियो के नंबरों पर कॉल कर सूचित करता हैं की इस जगह पर covid-19 के गाईड लाइन का पालन नहीं हों रहा है।
इस डिवाइस को बनांने में GSM किट, अल्ट्रासोनिक सेंसर, 6 वोल्ट बैटरी, ऑर्डिनो, रिले 5 वोल्ट व स्विच का प्रयोग किया गया हैं l इसे बनाने में 10 से 12 हज़ार रुपये का खर्च आया है और 15 दिनों में यह डिवाइस बनकर तैयार हुई है।
इस अविष्कार को छात्रों ने प्रोफेसर संदीप मिश्रा के देख रेख में तैयार किया हैं l वहीं काशी के प्रसिद्द अविष्कारक श्याम चौरसिया ने भी इस डिवाइस की उपयोगिता को महत्वूर्ण बताया है कोरोना काल में,, उन्होंने कहा कि छात्रों जो कॉन्सेप्ट लेकर अविष्कार किया वह इस समय की सबसे बड़ी ज़रुरत है और देश ही नहीं दुनियाभर में लोग इस विभीषिका से गुज़र रहे हैं और सेफ्टी के तरीके ढूंढ रहे हैं ऐसे में सरकार को इन होनहारों का प्रोत्साहन करना चाहिए।
छात्रों के इस प्रयास को देकते हुऐ अशोका इंस्टिट्यूट की डायरेक्टर सारिका श्रीवास्तव ने छात्रों की तारीफ की हैं और छात्रों के अविष्कार की जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार को पत्र के माध्यम से दी है l जिससे छात्रों के अविष्कार को मार्गदर्शन मिल सके।