रंग लायी इंस्‍पेक्‍टर राजीव रंजन उपाध्‍याय की मेहनत, जर्जर हो चुके शि‍वपुर थाने की बदल दी तस्‍वीर

वाराणसी। वरुणा पार के महत्‍वपूर्ण थानों में से एक है शिवपुर थाना। 34 साल पहले चौकी से थाना बना शि‍वपुर पुलि‍स स्‍टेशन समय के साथ साथ जर्जर हो चुका था। आलम ये था कि‍ प्रभारी नि‍रीक्षक के कक्ष से लेकर बैरक, मालखाना, लॉकअप और मेस कि‍सी भुतहा ईमारत की तरह दि‍खायी देते थे। मगर इस थाने की कमान संभालने वाले प्रभारी निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्‍याय और उनके पुलि‍सकर्मि‍यों की टीम के अथक प्रयासों ने इस पूरे परि‍सर का मानो कायाकल्प ही कर दिया है। 
 

संवाददाता : ध्‍यान चंद शर्मा 

वाराणसी। वरुणा पार के महत्‍वपूर्ण थानों में से एक है शिवपुर थाना। 34 साल पहले चौकी से थाना बना शि‍वपुर पुलि‍स स्‍टेशन समय के साथ साथ जर्जर हो चुका था। आलम ये था कि‍ प्रभारी नि‍रीक्षक के कक्ष से लेकर बैरक, मालखाना, लॉकअप और मेस कि‍सी भुतहा ईमारत की तरह दि‍खायी देते थे। मगर इस थाने की कमान संभालने वाले प्रभारी निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्‍याय और उनके पुलि‍सकर्मि‍यों की टीम के अथक प्रयासों ने इस पूरे परि‍सर का मानो कायाकल्प ही कर दिया है। 

वि‍भागीय चुनौति‍यों के बीच संवार रहे थाना 
कानून व्यवस्था के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाते हुए पुलिस अधिकारियों को शायद ही मौका मिलता हो कि वह अपनी ड्यूटी के अलावा कुछ नया और रचनात्‍मक कार्य कर पाएं क्योंकि विभाग में काम की चुनौतियां ही इतनी ज्यादा हैं, कि‍ कुछ भी सोचने का वक्‍त ही नहीं मि‍लता। वैसे तो शि‍वपुर थाने पर कई थानेदार पोस्ट हुए और अपनी ड्यूटी करते हुए उनका ट्रांसफर भी हो गया, लेकिन तमाम तरह की विभागीय चुनौतियों के बावजूद वर्तमान शिवपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय ने जब से शिवपुर थाने का कार्यभार ग्रहण किया तभी से इस परिसर के उत्थान के बारे में कुछ ना कुछ करते चले आ रहे हैं।

कैंट थाने की भी बदल चुके हैं तस्‍वीर 
बताते चलें कि जब इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय कैंट थाना प्रभारी थे तो उस समय कैंट थाने की भी तस्वीर बदली थी। कैंट थाने को भी इन्होने स्वविवेक से सुसज्जित कर थाने का विकास किया था।  यदि आप कुछ वर्ष पूर्व शिवपुर थाने पर आए हों और अब वर्तमान में आप शिवपुर थाने पर आएंगे तो यहां की पूरी की पूरी तस्वीर ही आपको बदली हुई नजर आएगी। 

कि‍राया 43 रुपये प्रति‍माह 
43 रुपए प्रतिमाह के किराए के मकान नबंर 29/394 में यह थाना अभी तक चल रहा है। जानकारी के अनुसार ज्योति भूषण सन ऑफ राजा मोती चंद अजमतगढ़ पैलेस मोती झील वाराणसी को शिवपुर थाने द्वारा प्रति‍माह तय किराया दिया जाता है। बात की जाए थाने के इतिहास की तो वर्ष 1987 तक यह थाना नहीं बल्कि पुलिस चौकी के रूप में संचालित होती थी और यह चौकी थाना कैंट के अंतर्गत आती थी। पुलिस चौकी के पहले इस जगह को राजा गोकुल चंद हाउस एंड बाग के नाम से जाना जाता था। 

बैरक और मंदि‍र से शुरू हुआ कायाकल्‍प 
इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि यहां आने के पश्चात सबसे पहले एक बैरक और परिसर में स्‍थि‍त प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके बाद थानाध्‍यक्ष के  कार्यालय, मालखाना, पुरुष पुलिस कर्मियों के लिए अलग तथा महिला पुलिस कर्मियों के लिए अलग बाथरूम की व्यवस्था और सबसे बड़ी समस्या जो थी मेस की उसे दूर करते हुए एक आधुनिक भोजन कक्ष बनाया गया है। 

लगायी गयी है शि‍कायत पेटि‍का 
इसके अलावा थाना प्रभारी कक्ष के बाहर एक शिकायत पेटिका भी रखी गई है, जिसमें कोई भी फरियादी जमीन या अपनी कि‍सी अन्‍य कानूनी समस्या से संबंधित प्रार्थना पत्र डाल सकता है।  उन्‍होंने बताया कि‍ इस शि‍कायत पेटि‍का को प्रतिदिन थाना कार्यालय से जुड़े कर्मचारी निकालते हैं तथा संबंधित विभागों से तालमेल करके मामले का निस्तारण किया जाता है। 

फरि‍यादि‍यों के लि‍ये वि‍शेष व्‍यवस्‍था 
स्‍थानीय लोग बताते हैं कि पहले थाने पर आने वाले लोगों को बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी। मगर अब जीर्णोद्धार के बाद आमजन के साथ ही पुलिसकर्मियों के बैठने की भी यहां समुचित व्यवस्था है व पीने के स्वच्छ जल के साथ साथ अन्‍य व्‍यवस्‍थाएं भी मौजूद हैं। स्वयं थाना प्रभारी जिस कार्यालय में बैठते हैं आप उस कार्यालय को भी नहीं पहचान पाएंगे, क्योंकि उस पूरे कार्यालय की तस्वीर ही बदल चुकी है। चमचमाती टेबल, आगंतुकों के लिए वीआईपी कुर्सियां,  व्यवस्थित पर्दे, वॉल पेंटिंग वगैरह कार्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। 

फूलों के गमले बढ़ा रहे शोभा 
पूरे थाने की क्लीन फर्श उसके किनारे लगे फूलों के गमले थाना परिसर की शोभा बढ़ा रहे है। इसे मेंटेन रखने के लि‍ये स्‍वयं थाना प्रभारी राजीव रंजन उपाध्याय अपने अधिनस्‍थों को लगातार निर्देश देते रहते हैं। थाने को सुव्‍यवस्‍थि‍त बनाये रखने के लि‍ये सभी कर्मचारि‍यों को अलग अलग जि‍म्‍मेदारी दी गयी है, चाहे सिपाही हो या सब इन्स्पेक्टर सबके कार्यो पर पैनी नजर रखते हुए प्रभारी नि‍रीक्षक की ओर से उनका मनोबल भी बढ़ाया जाता है। 

क्‍योंकि‍ टीम वर्क जरूरी है... 
इंस्‍पेक्‍टर राजीव रंजन उपाध्‍याय ने बताया कि‍ थाने के रोजमर्रा के लॉ एंड ऑर्डर के कामों को नि‍पटाने के साथ ही यहां पर तैनात हमारी पूरी पुलि‍स टीम पूरे मनोयोग से थाने को एक मॉडल थाना बनाने में जुटी हुई है। वि‍शेषतौर पर सब इंस्‍पेक्‍टर आनंद चौरसिया, सब इंस्‍पेक्‍टर दान बहादुर पाल, सब इंस्‍पेक्‍टर अमरीश राय, सब इंस्‍पेक्‍टर प्रकाश सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश कुमार यादव, हेड कांस्टेबल सतीश कुमार भारती,  हेड कांस्टेबल सुनील श्रीवास्तव व कांस्टेबल हरेंद्र यादव की टीम अपने शि‍वपुर थाने को साफ सुथरा और खूबसूरत बनने के लि‍ये अलग अलग तरह से अपना योगदान देती है। 

काशी के कोतवाल का आशीर्वाद भी जरूरी है... 
वैसे तो मान्यता है कि काशी में कोई भी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पोस्ट होकर आता है तो सर्वप्रथम बाबा विश्वनाथ और काशी के कोतवाल का दर्शन करने के पश्चात ही वह कार्यभार ग्रहण करता है, लेकि‍न शिवपुर थाना एकमात्र थाना है जहां प्रतिदिन काशी के कोतवाल बाबा भैरवनाथ का दर्शन करके ही कार्य की शुरुआत की जाती है। खुद इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय प्रतिदिन अपने कार्य की शुरुआत के पहले काशी के कोतवाल बाबा भैरवनाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हैं। 


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