कोरोना पॉज़िटिव समझ कर जिनसे लोग कर रहे हैं किनारा, उनका काशी के अमन कबीर बन रहे सहारा
वाराणसी। वैश्विक महामारी में लोगों को रिश्तों की अहमियत पता चल रही है, तो कहीं लोग रिश्तों को शर्मसार करते भी नज़र आ रहे हैं। लोग अपने परिजनों को भी कोरोना पॉज़िटिव होने के शक में अस्पताल के गेट या अन्य जगहों पर लावारिस छोड़ जा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए काशी के अमन कबीर सहारा बन रहे हैं।
ताज़ा मामला कबीरचौरा मंडलीय चिकित्सालय का है जहां कुछ लोगों ने एक बुज़ुर्ग को सड़क पर कोरोना वायरस के डर से छोड़ दिया था। वहां पहुंचे अमन की नज़र जब इनपर पड़ी तो अमन ने इन्हे उठाया और इनसे जानकारी लेनी चाही पर बिमारी बुज़ुर्ग कुछ बोल नहीं सके।
इस सम्बन्ध में अमन से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मंडलीय अस्पताल के बाहर एक बुज़ुर्ग को देख कर रुका और उनके शरीर को छुआ तो वो बुखार में तप रहे थे। आस-पास के लोगों से जानकारी हुई कि ये बुज़ुर्ग दो दिनों से अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर पड़े हुए हैं। इसपर मैंने स्ट्रेचर लाकर उसपर लोगों के सहयोग से इन्हे लेटाया।
अमन ने बताया कि इमरजेंसी से डॉक्टर्स ने इन्हे आकर चेक किया तो इनका ऑक्सीजन लेवल 93 है। बुज़ुर्ग ने टूटी ज़बान में अपना नाम ज्ञानचंद निवासी पिपरी जिला आरा बताया है। फिलहाल उन्हें कबीरचौरा अपस्ताल में एडमिट किया जा रहा है। अमन कबीर पिछले दो माह में 20 से अधिक लावारिस लोगों को कबीरचौरा में एडमिट करवा चुके हैं।
अमन के कार्यों को सराह रहे हैं लोग
अमन के सेवा कार्यों को आम जन सराह रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं। जापान में बसे भारतीय मूल के नागरिक गणेश यादव ने हाल ही में अमन को एम्बुलेंस के लिए एक वैन मुहैया करवाई है तो वहीं काशी आर्टिस्ट बेटी प्रियंका गौण ने अमन कबीर के लिए एक मोटिवेशनल टीशर्ट तैयार की है जिसपर अमन का फेस बनाया गया है।
प्रियंका ने बताया कि जैसा सेवा कार्य अमन कर रहे हैं वैसा हम करने की सोचें भी तो नहीं कर सकते ऐसे में उनका लाख-लाख धन्यवाद है कि उनकी वजह से इंसानियत आज भी ज़िंदा है। वो ऐसे लोगों की मदद कर रहे हैं जिनकी मदद को कोई सामने नहीं आ रहा है। उनके सेवा भाव को देखकर एक टीशर्ट उन्हें दी यही जिसपर उनका चित्र उकेरा गया है।
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