टाउनहाल में करोड़ों खर्च करके मल्‍टीलेवल पार्किंग बनवाने का क्‍या फायदा, जब मैदागि‍न पर ही खड़े करवाने थे वाहन 

शहर को जाम के झाम से मुक्‍त कराने के लि‍ये जि‍ले के वरि‍ष्‍ठ अफसर चाहे जि‍तनी मेहनत और मीटिंग कर लें, इस मुसीबत से नि‍जात तबतक नहीं मि‍लेगी जबतक उनके नि‍र्देशों का मातहतगण सही ढंग से पालन ना कराएं। हम बात कर रहे हैं मैदागि‍न क्षेत्र की जहां सरकार ने काफी  खर्च करके टाउनहॉल मैदान में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत मल्टीलेवल पार्किंग तो बनवा दि‍या, मगर ऐसा लगता है कि‍ ये पूरी कवायद कहीं सफेद हाथी बनकर न रह जाए। 
 

वाराणसी। शहर को जाम के झाम से मुक्‍त कराने के लि‍ये जि‍ले के वरि‍ष्‍ठ अफसर चाहे जि‍तनी मेहनत और मीटिंग कर लें, इस मुसीबत से नि‍जात तबतक नहीं मि‍लेगी जबतक उनके नि‍र्देशों का मातहतगण सही ढंग से पालन ना कराएं। हम बात कर रहे हैं मैदागि‍न क्षेत्र की जहां सरकार ने काफी  खर्च करके टाउनहॉल मैदान में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत मल्टीलेवल पार्किंग तो बनवा दि‍या, मगर ऐसा लगता है कि‍ ये पूरी कवायद कहीं सफेद हाथी बनकर न रह जाए। 

फि‍र क्‍यों बनवाया गया मल्‍टीलेवल पार्किंग 
मैदागिन चौराहे पर आये शव यात्रियों के लिए बनाये गए मुर्दा स्टैंड में अलग से भी चार पहि‍या वाहन चालक धड़ल्ले से अपनी गाड़ियां पार्क कर रहे हैं और खास बात यह कि इसपर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस और ट्रैफिक पुलिस का भी ध्यान नहीं जा रहा है, जबकि शहर में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सरकारी वि‍भाग चाहे लाख दावा कर लें मगर हकीकत यही है कि‍ आज भी तमाम ऐसे चार पहि‍या वाहन चालक हैं, जो टाउनहाल पार्किंग में वाहन खड़ा ना करके उसे मैदागि‍न क्षेत्र में हरि‍श्‍चंद्र पीजी कॉलेज के सामने ही बीच सड़क पर पार्क कर रहे हैं। इससे मैदागि‍न इलाके में हरदम जाम की समस्‍या तो बनी ही रहती है, साथ ही करोड़ों खर्च करके बनाये गये मल्‍टीलेवल पार्किंग का मकसद भी पूरा नहीं हो रहा और सरकार को राजस्‍व की भी क्षति‍ हो रही है। 

अफसर खुद अनभि‍ज्ञ, कहां पार्किंग है, कहां नहीं 
ऐसे वाहन चालकों को शायद वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों के फरमान से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। पड़े भी क्‍यों, जब यहां के सर्कि‍ल अफसर तक को ही नहीं पता कि‍ कौन सा स्‍थान पार्किंग का है और कौन सा नहीं, तो ऐसे में मनबढ़ वाहन चालक जहां तहां गाड़ि‍यां पार्क करेंगे ही। सबसे हास्‍यपद स्‍थि‍ति‍ तब उत्‍पन्‍न हुई जब इस अतिक्रमण के सम्बन्ध में एसीपी कोतवाली से बात की गयी। उन्‍हें खुद नहीं पता कि‍ कहां पार्किंग का स्‍थान है और कहां नहीं। वे बस इतना ही बता पाये कि‍ मैं तो नया हूं, मुझे नहीं पता कौन सी पार्किंग किसके लिए है। 

शव वाहनों के अलावा भी खड़ी होती हैं गाड़ि‍यां 
खैर, तस्वीरों में दिख रही ये जगह कोई सरकारी पार्किंग नहीं बल्‍कि‍ हरिश्चंद्र महाविद्यालय के सामने से गुजरने वाली लंबी चौड़ी सड़क है। इसपर शव वाहन के अलावा लोगों की प्राइवेट गाड़ियां भी खड़ी दिखाई दे रही हैं, जबकि स्मार्ट हो रही काशी में यहाँ से चंद कदम दूर करोड़ों रुपये खर्च करके एक साथ कई वाहन खड़ा करने के लिए स्‍मार्ट पार्किंग का निर्माण किया गया है, जि‍सका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कि‍या था, ताकि‍ काशीवासि‍यों को जाम से नि‍जात मि‍ल सके। 

अमीरों पर करम, गरीबों पर सि‍तम, ऐ साहब ये ठीक नहीं
वहीं इस सम्बन्ध में अपना दर्द बताते हुए पटरी-ठेला व्यवसायी राजू शर्मा ने बताया कि मीडि‍या में अतिक्रमण पर कार्रवाई के चर्चे होते हैं। ठेला-पटरी व्यवसाइयों को हिदायत दी जा रही है कि यदि वेंडिंग ज़ोन के बाहर मिले तो कार्रवाई होगी, तो आखिर इन बड़ी-बड़ी गाड़ियों और उनके मालिकों पर कार्रवाई कब होगी जो पार्किंग बनने के बाद भी लबे सड़क जाम लगाकर रोज़ाना खड़ी हो रहीं हैं। 

राजू शर्मा ने बताया कि यहाँ से चंद कदम पर पुलिस चौकी काल भैरव है। इसके अलावा कोतवाली थाना और एसीपी कोतवाली का कार्यालय भी बगल में हैं, पर लगता है कि अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते, या पुलिसकर्मियों को यहां ध्यान देने की ज़रुरत नहीं जान पड़ती। जबकि इस मार्ग पर हर वक़्त आने वाले शव वाहनों से ये अवैध पार्किंग वाले झगड़ा करते भी देखे जा सकते हैं।

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